उज्जैन । सीखो कमाओ योजना में उज्जैन जिले में अब तक आठ हजार युवाओं ने पोर्टल के माध्यम से रोजगार प्रशिक्षण के लिये पंजीयन कराया है। राज्य सरकार की इस योजना में प्रशिक्षण पाने वाले अभ्यर्थियों को प्रतिमाह आठ हजार से लेकर 10 हजार रुपये तक का स्टाइपेंड दिया जायेगा। इस योजना के अन्तर्गत उज्जैन जिले में चिन्हित किये गये 409 प्रतिष्ठानों में युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिये रजिस्ट्रेशन कराया है। कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम ने आज विभिन्न जिला अधिकारियों को इस योजना के तहत लक्ष्यों की पूर्ति करने एवं प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों को अपने-अपने प्रतिष्ठान में पोर्टल पर वेकेंसी क्रिएट करने के लिये निर्देशित किया है। बैठक में अपर कलेक्टर श्री मृणाल मीना, एडीएम श्री अनुकूल जैन, महाप्रबंधक उद्योग श्री अतुल वाजपेयी एवं अन्य जिला अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर ने प्रमुख रूप से आनन्दम विभाग, आयुष विभाग, लोक निर्माण विभाग, आईटीआई, ऊर्जा विभाग, कमर्शियल टैक्स, कृषि व उद्यानिकी विभाग एवं अन्य व्यावसायिक गतिविधियों से संलग्न विभागों से जुड़े प्रतिष्ठानों में वेकेंसी क्रिएट करने के निर्देश दिये हैं। महाप्रबंधक उद्योग को योजना में समन्वय करने के लिये कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा लर्न एण्ड अर्न की तर्ज पर रोजगार के लिये कौशल सिखाने “मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ” योजना का प्रभावी क्रियान्वयन शुरू किया गया है। राज्य शासन की मंशा है कि प्रदेश का युवा रोजगार मांगने वाला नहीं, रोजगार देने वाला बने।
“मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना” में युवाओं को उद्योगों के साथ सर्विस सेक्टर में कौशल प्रशिक्षण दिलाते हुए स्टाईपेंड की व्यवस्था भी की गई है। युवाओं को नवीनतम तकनीक और प्रक्रिया से व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके लिए योजना से कंपनियों और सर्विस सेक्टर को जोड़ा गया है।
योजना में मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी 18 से 29 वर्ष के 12वीं या उससे कम कक्षा में उत्तीर्ण युवा को 8 हजार रूपये, आईटीआई उत्तीर्ण को 8 हजार 500 रूपये, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9 हजार रूपये और स्नातक या उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले युवाओं को 10 हजार रूपये प्रतिमाह स्टाईपेंड दिया जायेगा। राज्य शासन की ओर से निर्धारित स्टाईपेंड की 75 प्रतिशत राशि प्रशिक्षणार्थियों को डीबीटी से भुगतान की जायेगी। संबंधित प्रतिष्ठानों द्वारा निर्धारित न्यूनतम स्टाईपेंड की 25 प्रतिशत राशि प्रशिक्षणार्थियों के बैंक खाते में जमा करानी होगी। प्रतिष्ठान अपनी ओर से निर्धारित राशि से अधिक स्टाईपेंड देने के लिये स्वतंत्र होंगे। स्टाईपेंड एक वर्ष तक दिया जायेगा।
योजना में युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिये चिन्हित कार्य-क्षेत्र में विनिर्माण क्षेत्र, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल, प्रबंधन, मार्केटिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, ट्रायबल, अस्पताल, रेलवे, आईटी सेक्टर, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, बैंकिंग, बीमा, लेखा, चार्टर्ड अकाउंटेंट, मीडिया, कला, कानूनी और विधि सेवाएँ, शिक्षा एवं प्रशिक्षण सहित 800 से अधिक सेवा क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठान भागीदारी करेंगे।
योजना की प्रक्रिया एवं क्रियान्वयन
योजना के पोर्टल पर 7 जून 2023 से प्रतिष्ठानों का पंजीयन एवं कोर्स का चयन कर वैकेंसी प्रकाशित करना प्रांरभ होगा।
युवाओं का योजना के पोर्टल पर पंजीयन 15 जून से प्रांरभ होगा।
पोर्टल पर कोर्स चयन कर वैकेंसी के विरूद्ध आवेदन करना 15 जुलाई से प्रारंभ होगा। साथ ही प्रतिष्ठानों द्वारा युवाओं का चयन कर ऑफर दिया जायेगा।
युवा-प्रतिष्ठान-मध्यप्रदेश शासन के मध्य 31 जुलाई से अनुबंध प्रारंभ होंगे।
ऑन द जॉब प्रशिक्षण (ओजेटी) 1 अगस्त से प्रारंभ होगा।
मूल्यांकन और प्रमाणीकरण के साथ योजना में मासिक वित्तीय सहायता एक सितम्बर से दी जाना प्रारंभ होगी।
योजना में चिन्हित प्रतिष्ठानों का पेन एवं जीएसटी पंजीयन अनिवार्य होगा। प्रतिष्ठान अपने कुल कार्य-बल के 15 प्रतिशत की संख्या तक प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दे सकेंगे। जिन प्रतिष्ठानों में कम से कम 20 लोग नियमित रूप से कार्यरत हों, उनके कुल कार्य-बल की गणना ईपीएफ जमा करने के आधार पर की जायेगी।