उज्जैन, अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर श्री राम भक्त सेवा समिति के तत्वावधान में चल रही सप्त दिवसीय श्री राम कथा में वृंदावन श्री धाम से पधारे महाराज रसिका नंदन जी ने सामाजिक प्रेरणा देते हुए कहा कि श्री रामकथा सिखाती है कि भाई कैसा होना चाहिए श्री राम जी जिन्होंने अपने भाई के लिए राजपाठ त्याग दिया।इसी तरह भरत ने अपने भाई के लिए माँ को छोड़ दिया ।लक्ष्मण जी को तो वनवास नही मिला फिर भी अपनी माँ व छोटे भाई लक्ष्मण को छोड़ दिया। आजकल तो भाई भाई में प्रेम नही रहा छोटी छोटी बात पर झगड़ा होता है। महाराज ने कहा की अगर तुम्हारे संबंध औलाद से बिगड़ जाए चलेगा,परिवार से बिगड़ जाए चलेगा,समाज से बिगड़ जाए चलेगा पर भाई से संबंध नही बिगड़ना चाहिए क्योकि रावण ने अपने भाई को घर से निकाल दिया तो उसका क्या विनाश हो गया।सारी दुनिया तुम्हारे विपरीत चली जाए चलेगा पर अपने भाई से कभी दूरियाँ मत बनाना। अगर भाई से दूरियाँ बनाई तो विनाश हो जाएगा।इस प्रसंग को सुनकर सभी श्रोताओं की अश्रुधरा बह रही थी।सभी का मन द्रवित हो उठा।
कथा से पूर्व प्रातः श्री राम प्राण प्रतिष्ठा के लिए पंडाल में सभी भक्तों ने हवन किया।श्री रामकथा के पश्चात भव्य शोभा यात्रा निकाली गई जिसमें समस्त शहरवासियों ने जमकर नृत्य किया।श्री राम भक्त सेवा समिति के सभी सदस्यों द्वारा महाराज का कथा समापन पर शॉल श्रीफल देकर सम्मान किया।
जानकारी अमित माथुर ने दी।