उज्जैन। उर्वरक उत्पादन में विश्व की सबसे बढ़ी सहकारी संस्था इफको ने ग्राम बिरगोद, तहसील- तराना, उज्जैन में एक कृषक संगोष्ठी आयोजित की। इसमें नैनो उर्वरक एवं विशिष्ठ उर्वरक उपयोग पर ध्यान केन्द्रित किया। इस कृषक संगोष्ठी में नई दिल्ली से पहुंचे इफको संस्था के विपणन निदेशक, योगेन्द्र कुमार ने विशेष सहभागिता की। उन्होंने बताया कि यूरिया व डीएपी खाद के बैग किसानों को एक भारी मात्रा में सब्सिडी देने के बाद किसानों को इतनी सस्ती मिलती है। इसके साथ ही इनकी कार्यक्षमता बहुत कम होती है, जिसके कारण बचे अवशेष से मिट्टी, जल व वायु आदि बहुत प्रदूषित होती हैं। उन्होंने किसानों को दानेदार यूरिया व डीएपी से होने वाले विभिन्न नुकसानों को भी समझाया। अत: किसान भाइयों को दानेदार यूरिया व दानेदार डीएपी के उपयोग को कम करके खेती में इसकी जगह तरल नैनो यूरिया, नैनो डीएपी, जैव उर्वरक, जैविक खाद आदि को अपनाना अत्यंत जरूरी है, ताकि भविष्य की पीढ़ियों को खेती के लिए उर्वर खेती योग्य जमीन मिले। उन्होंने बताया कि इफको द्वारा स्वदेशी विकसित नैनो यूरिया व नैनो डीएपी किसानों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है जो कि निश्चित तौर पर भारतीय कृषि के लिए एक क्रांति सिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने नैनो उर्वरकों के प्रयोग के सही तरीके की जानकारी भी उपस्थित किसानों के बीच साझा की।
इस संगोष्ठी में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आर.पी. शर्मा ने किसानों को मिट्टी परीक्षण का महत्व समझाया साथ ही पोषक तत्त्व प्रबंधन के महत्व को बताते हुए किसानों की खेती सम्बन्धित सम सामयिक समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया। इस महत्वपूर्ण आयोजन में कृषि विभाग से पधारे एम.एस. तोमर, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी द्वारा किसानों को कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं व प्राकृतिक खेती की विस्तार से जानकारी दी। संगोष्ठी में राज्य विपणन प्रबंघक, इफको, भोपाल, प्रकाश चन्द्र पाटीदार ने राज्य कृषि की दिशा में इफको द्वारा की जा रही कृषि से सम्बंधित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर इफको, नई दिल्ली, आम सभा सदस्य ऋषिराज सिसोदिया जमीन के स्वास्थ को ध्यान में रखकर किसानों से नैनो उर्वरक और जैविक उर्वरक प्रयोग करने की अपील की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. ओम शरण तिवारी, वरिष्ठ प्रबंधक, इफको भोपाल द्वारा किया गया। कृषक संगोष्ठी के आयोजन में इफको के क्षेत्र प्रबंधक दीपक पाल, इफको व इफको बाजार के अधिकारियों ने विशेष योगदान दिया। इस संगोष्ठी में क्षेत्र के 700 से अधिक किसानों ने सक्रिय भागीदारी की।