उज्जैन, संस्कार भारती द्वारा आयोजित अखिल भारतीय ‘कला साधक संगम बेंगलुरू 2024’ में मालवा प्रांत उज्जैन की ओर से सामाजिक समरसता के आधार पर आयोजित माच शैली का नाटक ‘हिन्दवा सहोदरा’ का मंचन सुंदर सांस्कृतिक माच समिति के तत्वावधान में किया गया नाटक के लेखक निर्देशक और संगीतकार श्री सुंदरलाल मालवीय द्वारा बेहद उत्तम प्रस्तुति दर्शकों के सामने प्रस्तुत की गई जिसका दर्शकों ने बेहद उत्साह पूर्वक स्वागत किया। संस्कार भारती के प्रचार प्रमुख जयंत तेलंग ने विस्तृत जानकारी देते हुवे बताया की नाटक की कथावस्तु सामाजिक समरसता के आधार पर होने से इस नाटक का भारत के जनमानस पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा; ऐसी, उपस्थित दर्शकों के द्वारा प्रतिक्रिया व्यक्त की गई।
नाटक ‘हिंदवा सहोदरा’ माच शैली में अभिनित है जिसकी कहानी में नायक विक्रमसिंह अपने पिता जमींदार प्रतापसिंह से प्राप्त सूचना के आधार पर सामाजिक विषमता को दूर करने के लिए रामगढ़ जाते हैं, जहाँ वे देखते हैं कि दबंग लोग कमजोर, वंचित और अशिक्षित लोगों को अपने कूँओं से पानी नहीं भरने देते, मंदिर में प्रवेश नहीं करने देते है यहाँ तक बारात भी नही निकालने देते हैं। गांव के सरपंच की बेटी इंद्रमणी भी समझाने की कोशिश करती है मगर तभी विक्रमसिंह आते हैं इन सभी को समझाते है कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी ये सब ठीक नहीं है, ये सब नही होना चाहिए। ये पढलिख कर आगे बढ़ रहे हैं आप इन्हें समाज से जोड़ो, तोड़ने की बात मत करो, सामाजिक चेतना, समानता, समरसता से देश में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार को बढ़ावा देने से देश का विकास होगा।सरपंच व सभी लोग विक्रमसिंह की बात से सहमत हो जाते हैं।
नाटक के मुख्य कलाकार में मुख्य रूप से सर्वश्री प्रकाश देशमुख,पंकज आचार्यजयति मालवीय,गार्गी आचार्य, यशस्विनी निगम,योगेंद्र पिपलोनिया,श्रीपाद जोशी के साथ संजय शर्मा,चन्द्रशेखर गुर्जर,नरेंद्र वर्मा,शिरिष सत्यप्रेमी,गोपाल महाकाल, श्रद्धा जोशी, प्रवीना पिपलोनिया,कविता सिसोदिया, रामचंद्र गांगोलिया,ने सह कलाकार के रूप में अपनी भूमिका निभाई।
प्रकाश व्यवस्था रितेश पँवार द्वारा संयोजित की गई।ढोल वादन सूरज चकरावदिया ने किया।नाटक का आलेखन श्रीमती यशश्विनी निगम द्वारा किया गया।
संस्कार भारती द्वारा बेंगलुरु में चल रहे चार दिवसीय “अखिल भारतीय कलासाधक संगम” के समापन समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर गुरुजी उपस्थित रहे।
समापन समारोह में अपनी बात रखते हुए मोहनराव भागवत एवं श्री श्री रविशंकर ने कला साधकों को संबोधित किया।
इस कार्यक्रम में संस्कार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष वासुदेव कामत, भगवान कृष्ण की भूमिका निभाने वाले उपाध्यक्ष नीतीश भारद्वाज और हेमलता एस. मोहन, मैसूर मंजुनाथ, राष्ट्रीय महामंत्री अश्विन दलवी,अरुण योगीराज जैसे तमाम सुप्रसिद्ध शख्सियतों की गरिमामय उपस्थिति हुई।
अखिल भारतीय कला साधक संगम में देशभर के 2000 से अधिक कलाकारों ने भाग लिया। उज्जैन के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नाटक ‘हिन्दवा सहोदरा’ और ‘महाकाल की सवारी’ विशेष आकर्षण का केंद्र रही।उपस्थित दर्शकों ने इन दोनों प्रस्तुतियों को काफी सराहा।