जिले में बैंड, डीजे और ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग बिना अनुमति के नहीं किया जाएगा

उज्जैन। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी श्री अनुकूल जैन ने उज्जैन जिले की राजस्व सीमा के अंतर्गत आयोजित होने वाली परीक्षाओं एवं विद्या अध्ययन की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए आगामी दिवसों में जिले की कानून एवं शांति व्यवस्था, आम जन की सुरक्षा, विद्यार्थियों की सुविधा और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की दृष्टि से दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (1) के तहत जिले में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिए हैं ।

आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति, समूह, संस्था या अन्य पक्ष डीजे अथवा बैंड का संचालक, बैंड, डीजे, ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग बिना अनुमति के नहीं करेगा। प्रत्येक को मध्य प्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 तथा ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2010 के प्रावधानों का पूर्ण पालन करना आवश्यक होगा।

किसी भी अनुमति कार्यक्रम में यदि ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग किया जाता है तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय की रिट पिटिशन और मध्य प्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 10(2) को दृष्टिगत रखते हुए धोनी विस्तारक यंत्र का उपयोग सुबह 6:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक किया जाएगा।

निर्धारित परिवेशीय ध्वनि मानक से 10 डेसीबल से अधिक या ध्वनि करने वाले लाउडस्पीकर पूर्णतः प्रतिबंधित रहेंगे तथा साउंड सिस्टम निर्धारित ध्वनि मानक से पांच डेसीबल से अधिक उत्पन्न करने वाले साउंड सिस्टम प्रतिबंधित रहेंगे ।

किसी भी चिकित्सालय, नर्सिंग होम, दूरभाष केंद्र, न्यायालय, शिक्षण संस्थान, शासकीय कार्यालय, बैंक आदि से 200 मीटर की दूरी के भीतर ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।

शांति – कानून व्यवस्था तथा आम जन की सुरक्षा व सुविधा में संलग्न शासकीय कर्तव्य पर उपस्थित एवं ड्यूटी रात पुलिस- प्रशासनिक अधिकारियों और उनके वाहनों के लिए यह निर्देश लागू नहीं होंगे।

कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु इन्हें आवश्यक वैधानिक छूट प्राप्त होगी।

जिले में पदस्थ अनुविभागीय दंडाधिकारी आवश्यक होने पर किसी पक्ष के आवेदन पर अपने-अपने क्षेत्र में संबंधित नगर पुलिस अधीक्षक/ अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) से परामर्श कर आवश्यक प्रतिबंध /शर्तों सहित किसी भी कार्यक्रम एवं ध्वनि विस्तारक यंत्र की अनुमति प्रदान करने हेतु अधिकृत होंगे ।

उक्त आदेश एक पक्षीय पारित किया गया है। आदेश का उल्लंघन मध्य प्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम की धारा 15 (1) के अंतर्गत दंडनीय अपराध माना जाएगा जिसके अंतर्गत 6 माह का कारावास अथवा जुर्माना 1000 रूपए तक होगा अथवा दोनों से दंडित किया जाएगा। अतिरिक्त ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण नियम 2000 के अंतर्गत अपराध पाया जाने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के अंतर्गत 5 वर्ष की सजा या 1 लाख रुपए जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकेगा। उक्त आदेश दो माह की अवधि के लिए प्रभावशील रहेगा।

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