संकुल में गूंजे 90 के दशक के सुपरहिट गीत

उज्जैन। कुछ ना कहो.. दिल तो पागल है.., रिमझिम रिमझिम रूमझुम…, दिल हैं कि मानता नहीं…, आके तेरी बाहों में…., जैसे गीतों की प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को मोहित कर लिया।
अवसर था, स्वरांजली ग्रुप द्वारा पेश सुरों से गुनगुनाती हुई हसीन शाम का। स्वरांजली के अध्यक्ष राजेश जोशी और संयोजक डॉ. परेश राय ने बताया कि कार्यक्रम के अध्यक्ष उमेश भट वरिष्ठ संगीतज्ञ और मुख्य अतिथि आनंद बांगड़ थे। संगीत संध्या का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। कार्यक्रम में सूर्यकांत बरहानपुरकर को लाईफ टाईम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के सूत्रधार नितिन पोल थे। संचालन वर्षा कमलाकर और मंगेश जोशी ने किया।
आर डी बर्मन, जतिन-ललित, नदीम-श्रवण, ईस्माइल दरबार, अन्नू मलिक की सुमधुर रचनाएं प्रस्तुत की गई। 90 के दशक की सुपरहिट रचनाओं की प्रस्तुति से राधा मेहता, राजेश जोशी, डॉ. परेश राय, नंदिता राय, ममता शर्मा, लखन जागीरदार, दीपक माकोड़े, विकास सहस्त्रबुद्धे, भालचंद्र कुलकर्णी, माधुरी मेहता, सुप्रिया बोथरा, वृषाली कुलकर्णी, देवेंद्र दुबे, अमल कुमार बिडवई, अनुपमा दुबे, अनिता जोशी, अर्पिता कमलाकर, भारती कुलकर्णी, राजेश सोहोनी, प्रेरणा सोहोनी, बीएम खंडेलवाल ने श्रोताओं को कार्यक्रम समाप्त होने तक बांधे रखा।