उज्जैन। शतरंज हमें मरना सिखाता है और मर कर फिर से जीना सिखाता है। बच्चा जब पेट में होता है तब मां शतरंज की तरह संस्कार की गोटियां जमाना शुरू कर देती है। संस्कारित जीवन जीएंगे तो ही आगे बढ़ेंगे। किसी भी काम में मेहनत और समर्पण होना चाहिए। 12 से 15 घंटे भी मेहनत करना पड़े तो करना चाहिए।
यह बात संत बालयोगी उमेशनाथ महाराज ने भारतीय ज्ञानपीठ परिसर में उज्जयिनी जिला शतरंज संघ, उज्जैन द्वारा आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज आध्यात्म पर पाश्चात्य का आवरण चढ़ चुका है। वर्तमान व्यवस्था को सुधारने के लिए देशभर के बुद्धिजीवी, शिक्षक, खिलाड़ी, वकील सभी वर्ग के लोग आगे आ रहे हैं। हमारी सनातन व्यवस्था में जब बच्चा मां की कोख में होता है, तब से ही मां बच्चे को शतरंज की तरह संस्कार की गोटियां जमाना शुरू कर देती है। यदि हम बचपन से ही शतरंज की विधा को समझना शुरू करेंगे तो भविष्य में बहुत आगे जा सकते हैं। संत उमेशनाथ महाराज ने कहा कि बच्चों को आगे बढ़ना है तो मोबाइल और सोशल मीडिया से दूर रहना होगा। गुरु-शिष्य की परंपरा को जीवित रखना होगा। इस दौरान संतश्री ने मताधिकार का उपयोग करने की भी अपील की।
स्वागत उद्बोधन देते हुए संघ के जिलाध्यक्ष संदीप कुलश्रेष्ठ ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत गौरव का विषय है कि उज्जैन से संत उमेशनाथ जी को देश के सबसे प्रतिष्ठित सदन राज्यसभा का सदस्य चुना गया। शतरंज संघ उज्जैन में पिछले 30 वर्ष से कार्य कर रहा है। इतने वर्षों में संघ से हजारों खिलाड़ी तैयार किए। संघ द्वारा हर 2-3 महीने में प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। यहां के बच्चे शतरंज की विधा में बहुत आगे तक गए हैं। यहां के बच्चे बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां हर उम्र के खिलाड़ी किसी भी उम्र के खिलाड़ी के साथ खेलते हैं। इसके पूर्व उज्जयिनी जिला शतरंज संघ के जिलाध्यक्ष संदीप कुलश्रेष्ठ, टूर्नामेंट के डायरेक्टर डा. रवि गोयल, डा. आशीष पाल, डा. विनीत अग्रवाल, सुनील व्यास, रघुवंशी ने संत उमेशनाथ महाराज का स्वागत किया। संत उमेशनाथ जी ने आरसी शर्मा, सूरजभानसिंह, शुभम, कु. अंजली चंदेल, रीति शर्मा का स्वागत किया। इस दौरान विश्वास शर्मा, स्वदेश शर्मा उपस्थित थे। संचालन पुष्पेन्द्र शर्मा ने किया। आभार अनिल गुप्ता ने माना।
चार वर्गों में आयोजित प्रतियोगिता में प्रत्येक वर्ग में 10 खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया गया। विजेताओं को मुख्य अतिथि बालयोगी उमेशनाथम महाराज द्वारा मेडल, ट्राफी, नकद राशि व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। अंडर 9 आयु वर्ग में प्रथम अविक अग्रवाल, द्वितीय मानसा पुष्पाध्याय, तृतीय अयान पटेल, चतुर्थ आरव जैन एवं पांचवा स्थान अंतरिक्ष आरतिया ने प्राप्त किया। अंडर 13 आयु वर्ग में प्रथम स्थान नवल नीमा, द्वितीय स्वरा सूर्या, तृतीय परंजय सोनी, चतुर्थ मानस निरखे, पांचवा स्थान पार्थ शर्मा ने प्राप्त किया। अंडर 16 श्रेणी में प्रथम हर्षवर्धन सहगल, द्वितीय आशय जैन, तृतीय दिलीशा जैन, चतुर्थ तस्बिया तहसीन एवं पांचवा स्थान निकुंज सक्सेना ने प्राप्त किया। अंडर 19 श्रेणी में प्रथम शिवम जोशी, द्वितीय देव अग्रवाल, तृतीय यश राय, चतुर्थ हर्ष शर्मा, पांचवा स्थान अनस शेख ने प्राप्त किया।