अपनी प्रजा का कुशल-मंगल जानने नगर भ्रमण पर निकले राजाधिराज श्री महाकालेश्वर भगवान

उज्जैन । श्रावण के दूसरे सोमवार पर भगवान श्री महाकालेश्वर पालकी में श्री चन्द्रमोलेश्वर रूप में तथा हाथी पर श्री मनमहेश के स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देने और अपनी प्रजा का कुशल-मंगल जानने नगर भ्रमण पर निकले।

सवारी के निकलने के पूर्व सभामंडप में पूजन-अर्चन मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न् कराया गया।

सर्व प्रथम भगवान श्री महाकालेश्वर भगवान का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया गया। इसके पश्चात भगवान की आरती की गई।

सवारी के निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर के सभामंडप में सभामंडप में मध्‍यप्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने भगवान श्री महाकालेश्‍वर का पूजन-अर्चन किया और आरती की। पूजन-अर्चन शासकीय पुजारी पं.घनश्‍याम शर्मा द्वारा संपन्‍न कराया गया। सर्वप्रथम भगवान श्री महाकालेश्‍वर का षोड़शोपचार से पूजन-अर्चन किया गया। मंत्री श्री पटेल ने मन्दिर से चलकर रामघाट पर पालकी का पूजन भी किया।
इस दौरान श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत श्री विनीत गिरी जी महाराज, महापौर श्री मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति कलावती यादव, संभागायुक्त श्री संजय गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक श्री संतोष कुमार सिंह, डीआईजी श्री नवनीत भसीन, कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री प्रदीप शर्मा समिति सदस्य श्री राजेन्द्र शर्मा गुरुजी, श्री राम पुजारी आदि ने भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन -अर्चन किया और आरती में सम्मिलित हुए।

*मार्ग में श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के घोष के साथ पुष्प वर्षा की*

भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने और भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य् द्वार पर पहुंची सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में सवार श्री चन्द्रमोलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई। सवारी मार्ग में स्थान-स्थान पर खडे श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के घोष के साथ उज्जैन नगरी के राजा भगवान श्री महाकालेश्वर पर पुष्पवर्षा की।

*बाबा महाकाल की एक झलक के लिए असंख्य श्रद्धालु हुए आतुर*

श्रावण के दूसरे सोमवार पर भगवान की सवारी के दौरान पूरी नगरी शिवमय हो गई। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी में हजारों भक्त झांझ, मंजीरे, डमरू, ढोल आदि वाद्य बजाते हुए महाकाल की आराधना करते हुए पालकी के साथ चल रहे थे। साथ ही उज्जैंन के बाहर से आये हुए भक्तगण बाबा महाकाल की एक झलक पाने के लिए उत्सुक थे। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी महाकाल मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंची रामघाट पर श्री चन्द्रमोलेश्वर व श्री मनमहेश का मॉ क्षिप्रा के जल से अभिषेक पूजन किया गया। पूजन -अर्चन के बाद भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से रामानुज कोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिकचौक, खाती का मंदिर, सत्येनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक होते हुए गोपाल मंदिर पहुंची।

जहॉ परंपरानुसार सिंधिया स्टेरट की ओर से गोपाल मंदिर के पुजारी द्वारा पालकी में विराजित श्री चन्द्रमोलेश्वर का पूजन किया गया। इसके पश्चात सवारी गोपाल मंदिर से पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची। जहाँ पुनः आरती उपरांत सवारी का विश्राम हुआ।

*मुख्यमंत्री डॉ यादव की पहल पर सवारी में पहली बार पुलिस बैंड की प्रस्तुति*

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की विशेष पहल पर 350 पुलिस के जवानों द्वारा पुलिस बैंड द्वारा नमाः शिवाय ॐ नमः शिवाय, हर हर शंभू देवा महादेवा,मेरे घर राम आए है, ,देवा हो देवा गणपति देवा, ॐ जय शिव ओमकारा ,सत्यम शिवम सुन्दरम आदि शिवभजनों की सुमधुर धुनों की प्रस्तुतियां पर श्रद्धालु झूमें।

*जनजातीय कलाकारों के दी मनमोहक प्रस्तुतियां*

बाबा श्री महाकालेश्वर की दूसरी सवारी में छिंदवाड़ा और डिंडोरी जिले के जनजाति कलाकारों द्वारा मनमोहक नृत्य की प्रस्तुतियां दी गई। छिंदवाड़ा से आए कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा कुर्ता,धोती और पगड़ी पहनाकर, पिंकी ढोल आदि वाद्ययंत्रों पर भड़म नृत्य की आकषर्क प्रस्तुतियां दीं। वहीं डिंडोरी जिले के जनजातीय कलाकारों ने थिसकी, बासुरी, मादर, टिमकी आदि वाद्य यंत्रों पर कर्मा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां ने सवारी में समां बांधा। कर्मा नृत्य में पुरुषों ने हवाल, छीनन्द्री,झंगा ,जैकेट कलगी और महिलाओ ने मुंगी, फरिया, बिरंन माला, करदन, टिसकी पहनी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ यादव की मंशानुरूप बाबा महाकाल की सवारियों में प्रदेश के विभिन्न जनजातीय जिलों के जनजातीय कलाकारों का समूह शामिल हो रहा हैं।

*चलित रथ में लगी एलईडी से श्रद्धालुओं ने किए दर्शन*

बाबा महाकाल की सवारी के दर्शन के लिए सवारी के आगे और पीछे दो एलईडी लगे 2 रथ चलें , जिस पर सवारी के लाइव प्रसारण के माध्यम से श्रद्धालुओं ने सुगमता पूर्वक दर्शन किए। चलित रथों को पुष्प की लड़ियों से आकर्षण ढंग से सजाया गया।

श्री महाकालेश्वर भगवान की तीसरी सवारी 05 अगस्त को निकाली जायेगी। इस दौरान पालकी में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर के स्वरूप में रहेंगे, हाथी पर श्री मनमहेश के स्वरूप में और गरूड़ रथ पर शिवतांडव के स्वरूप में विराजित होंगे।