उज्जैन, महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय ,उज्जैन में संस्कृत सप्ताह समारोह के समापन अवसर पर पद्मश्री वी वेंकटाचलम् स्मृति प्रतियोगिताओं का आयोजन 22 अगस्त 2024 को किया गया। जिसमें गीता कण्ठपाठ में प्रथम राघव, द्वितीय स्मृति पांडेय केन्द्रीय विद्यालय उज्जैन तृतीय ,कार्तिक ,उज्जैन पब्लिक स्कूल। संस्कृत भाषण में प्रथम करण शर्मा, सनातन धर्म उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, उज्जैन। द्वितीय वैष्णवी नागर, शासकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय, उज्जैन। तृतीय सम्यक् जैन, उज्जैन पब्लिक स्कूल। निबन्ध लेखन में पाणिनि विश्वविद्यालय के छात्र अतुल रावल ,प्रथम , अभिषेक तिवारी, द्वितीय तथा अभिषेक मेहता तृतीय स्थान पर रहे। सायंकल में आयोजित विशिष्ट व्याख्यान में कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय, नागपुर के पूर्व कुलपति प्रो.मधुसूदन पेन्ना ने मुख्यवक्ता के रूप में रामो विग्रहवान् धर्म: इस विषय पर वक्तव्य प्रदान करते हुए कहा कि श्रीराम साक्षात धर्म,के प्रतीक एवं सदाचार ,करुणा ,शील, सद्गुण सम्वेदना से परिपूर्ण है ।
रामराज्य सद्गुणों का वाहक था। रामराज्य में प्रत्येक व्यक्ति राम जैसा चरित्रवान, शीलवान, करुणावान परोपकारी था। आज प्रभु श्री राम के चरित्र को आत्मसात करने की आवश्यकता है। तभी नैतिक पतन से बचा जा सकता है।
संरक्षक कुलगुरु प्रो. विजय कुमार सीजी ने सफल आयोजन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संस्कृत के स्वर्णिम काल में संपूर्ण विश्व संस्कृत के प्रति आकर्षित है।
सभाध्यक्ष डॉ. तुलसीदास परौहा साहित्य विभाग प्रमुख ने प्रभु श्रीराम के आदर्श जीवन एवं त्याग को रेखांकित करते हुए कहा कि हमें प्रभु श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेकर प्रत्येक परिस्थिति में प्रसन्न रहना चाहिए।
प्रस्तावना तथा स्वागत संयोजक डॉ.अखिलेश कुमार द्विवेदी ने प्रस्तुत किया। संचालन सहसंयोजक डॉ. दिनेश चौबे ने तथा आभार डॉ.शंकर बेरा ने माना। वेंक्टाचल कार्यक्रम का समन्वयन डॉ.शैवाल ने संचालन गंगाशरण व्यास ने किया। कार्यक्रम में डॉ पूजा उपाध्याय डॉ. शुभम शर्मा तथा विद्वानों, छात्रों, ने जुड़कर व्याख्यान श्रवण किया। तकनीकी सहयोग डॉ.राजेश मंडल का रहा।