यूथ हॉस्टल युवाओं के चरित्र निर्माण का कार्य कर रहा हैः राज्यपाल श्री आर्लेकर

उज्जैन। यूथ हॉस्टल्स एसोशिएसन आफ इंडिया, मध्यप्रदेश राज्य शाखा की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में स्वर्ण जयंती समारोह समन्वय भवन, एपेक्स बैंक प्रांगण, न्यू मार्केट, भोपाल में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री राजेन्द्र वी.आर्लेकर (राज्यपाल, बिहार) उपस्थित रहे। एसोसिएशन के मीडिया प्रमुख श्री जयंत तेलंग ने बताया कि संस्था को मध्यप्रदेश में स्थापित करने के लिए पूरे प्रदेश की प्रत्येक इकाई से दो दो संस्थापक सदस्यों को सम्मानित किया गया,जिसमे उज्जैन के संस्थापक अध्यक्ष श्री गणेश गुर्जर व संस्थापक सचिव श्री निखिलेश खरे को राज्य शाखा द्वारा मध्यप्रदेश में संस्था के विकास में अतुलनीय योगदान देने हेतु राज्यपाल महोदय द्वारा शाल श्रीफल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश राज्य में युथ होस्टल के पिछले 50 वर्षों के विकास पर आधारित सभी इकाइयों की छायाचित्र प्रदर्शनी लगाई गई। इस कार्यक्रम को एक यादगार वर्ष के रूप में सहेजने के लिए एक स्मारिका ‘घुमन्तु’ का विमोचन में प्रतिपादित किया। भी किया गया। इस अवसर पर संस्था के राष्ट्रीय चेयरमेन श्री मनोज जोहरी सहित अन्य राष्ट्रीय पदाधिकारी एवं देश के विभिन्न प्रांतों के प्रतिनिधि समारोह में विशेष रूप से उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि बिहार राज्यपाल श्री राजेन्द्र आर्लेकर ने नींव के पत्थरों को मील के पत्थर के रूप में याद किया और साथ ही कहा कि यूथ हॉस्टल एसोसिएशन युवाओं को पर्यावरण व प्रकृति प्रेम व साहसिक एडवेंचर के प्रति जागरूक करता है, साथ ही युवाओं व किशोर अवस्था के बच्चों में चरित्र निर्माण व देश भक्ति की अलख जगाने का कार्य शिविर के माध्यम से करता है। इस गौरवशाली कार्यक्रम में उज्जैन इकाई के चेयरमैन श्री दिलीप चौहान और सचिव डॉ निर्दोष निर्भय एवं राज्य कौंसिल सदस्य व अध्यक्ष श्री गोपाल महाकाल के साथ साथ श्री अशोक वर्मा,राजेश तिवारी,शशिकांत वीरकर,श्रीकांत चौधरी ने सक्रियता पूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर आल इंडिया कल्चरल कमेटी की सदस्य एवम लोकायन कला केंद्र की निर्देशक सुश्री प्रज्ञा गढ़वाल के दल ने राज्यपाल महोदय के समक्ष तीन नृत्य प्रस्तुतियां दी गई,जो कि अत्यंत सुरताल व सटीक भावभागिमाओ के साथ थी।स्वयं राज्यपाल महोदय द्वारा मंच पर जाकर सराहना की गई।