उज्जैन,फाल्गुन कृष्ण दशमी विक्रम संवत 2081, रविवार 23 फरवरी 2025 शिवनवरात्रि उत्सव के सप्तम दिवस सांध्य पूजन के पश्यात भगवान श्री महाकालेश्वर ने *सभी भक्तों के मन को मोहित करने वाले श्री मनमहेश स्वरूप को धारण कर भक्तों को दर्शन दिये।*
शिव नवरात्रि उत्सव पर परम्परानुसार सप्तम दिवस प्रातः श्री महाकालेश्वर मंदिर के नेवैद्य कक्ष में भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर का पूजन किया गया तथा कोटितीर्थ कुण्ड के पास स्थापित श्री कोटेश्वर महादेव के पूजन के पश्चात मुख्य पुजारी पं.श्री घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राह्मणों द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान का अभिषेक एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ से किया गया। संध्या पूजन के पश्चात बाबा श्री महाकालेश्वर को नए वस्त्र धारण करवाये गये, साथ ही भगवान श्री महाकालेश्वर के श्री मनमहेश रूप का श्रृंगार कर बाबा को मुकुट, मुण्ड माला एवं फलों की माला धारण करायी गयी।
भगवान श्री महाकालेश्वर जी के इन अलौकिक दर्शन का पुण्य लाभ श्रद्धालुओं को रात्रि होने वाली शयन आरती तक प्राप्त होता है | श्री महाकालेश्वर मंदिर का सम्पूर्ण प्रांगण जय श्री महाकाल के जयकारों से गुंजायमान हो जाता है |
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा इस वर्ष नौ दिवसीय नारदीय कीर्तन हेतु पुणे से राष्ट्रीय कीर्तनकार आयुर्वेदाचार्य डॉ.अजय अपामार्जने का कीर्तन प्रतिदिन सायं 05 से 06 बजे तक मन्दिर परिसर मे नवग्रह मन्दिर के पास संगमरमर के चबूतरे पर हो रहा है | हरिकीर्तन के सातवे दिन डॉ. अपामर्जने ने आज के कीर्तन में “कब सुमीरोगे राम”…. संत कबीर महाराज के भजन विवेचन पर किया । श्री अपामार्जने जी ने कहा कि, निरार्थक बातों में जीवन व्यर्थ न जाये। इसलिये सभी को महाकाल भक्त बनो, जैसे प्रभू श्रीराम भोलेनाथ के भक्त थे। कथा के दौरान तबला पर संगत श्री श्रीधर व्यास ने की।
24 फरवरी 2025 सोमवार एकादशी को भगवान श्री महाकालेश्वर जी श्री उमा-महेश के रूप में दर्शन देंगे।