उज्जैन, कांग्रेस प्रतिपक्ष नेता रवि राय का कहना है की शहर में पानी के टैंकरों की भी कमी हे गर्मी में पानी की जरूरत और ज्यादा बढ़ गई है। ऐसे में घरों में पानी के बर्तन खाली पड़े हैं और लोग कामकाज छोड़ टैंकरों के पीछे भाग कर जरूरत के लिए पानी भरने के लिए मजबूर हैं। क्षीरसागर ही नहीं वार्ड 13, 19, 24 और 25 में भी यही हाल रहा। शुक्रवार को उत्तर क्षेत्र में जलप्रदाय होना था लेकिन गुरुवार को इंटकवेल में फाल्ट के चलते उत्तर क्षेत्र की 6 से ज्यादा टंकियां पूरी क्षमता से नहीं भर पाई व इसमें से क्षीरसागर की सबसे कम भर पाई।गऊघाट के मुख्य प्लांट की मोटर खराब, सप्लाई प्रेशर में परेशानीलोगों की शिकायतों के बाद अधिकारी भी यहां पहुंचे। अफसरों ने लोगों की बात सुनते हुए क्षीरसागर टंकी क्षेत्र में शाम 5 से 6 बजे जलप्रदाय किया। बाकी वार्डों में काफी कम प्रेशर से पानी सप्लाई हुआ। यही नहीं वार्ड 12 की स्थिति तो और बुरी है। यहां के कुछ क्षेत्रों में तो 6 दिन से पानी को लेकर समस्या आ रही है, जिनमें से 4 दिन तो पानी आया ही नहीं, बाकी 2 दिन कम प्रेशर से आ रहा है। यहां टाटा कंपनी के काम चलते पाइप लाइन लीकेज होने से कुछ क्षेत्रों में पानी नहीं पहुंचा। टाटा को नियमानुसार सही करके देना था लेकिन कंपनी ने खुदाई कर टूटी पाइप लाइन को ऐसे ही छोड़ दिया, जिसे बाद में भी विभाग सही करवा रहा है। जानकारी के अनुसार पीएचई की व्यवस्था ऐसी है कि पंपों में क्षमता नहीं और डेम के फिल्टर प्लांट पर किराए का ट्रांसफर लगाया गया है। जो अब तक वापस नहीं किया है।
यह पहली बार नहीं जब फाल्ट के चलते पानी नहीं आया है। इसी माह में इससे पहले दो बार गऊघाट प्लांट पर फाल्ट हो चुका है। गर्मी के दिनों में तापमान बढ़ने से फाल्ट होने की संभावना बढ़ जाती है। पुराने और जर्जर उपकरण के कारण सुधार कार्य में काफी समय लगता है। साथ ही पंपों की क्षमता काफी कम है, जो कम समय में पूरे प्रेशर से पानी टंकियों में सप्लाई ही नहीं कर पाते और इन सबके चलते अगले दिन कई क्षेत्रों में जलप्रदाय रुक जाता है। इसके साथ गऊघाट पर तीन प्लांट हैं, इसमें से तीसरा प्लांट बूस्टिंग के लिए जरूरी है लेकिन इसका पंप भी खराब है, जिससे प्रेशर नहीं बन पा रहा। हरियाखेड़ी प्रोजेक्ट में उपकरण बदलेंगे, पहले भी दो बार प्रस्ताव बने व्यवस्था में सुधार उपकरण और यंत्र बदलने से हो सकेगा। इसके लिए पहले दो बार प्रस्ताव तैयार किए जा चुके हैं। 2019 में करीब 200 करोड़ का प्रस्ताव बना है। वहीं पिछले साल लगातार उपकरण खराब होने के कारण जलप्रदाय की व्यवस्था के लिए 939 करोड़ में तैयार हो रहे हरियाखेड़ी प्रोजेक्ट के तहत उपकरण, पंप और पाइप लाइन पर काम होने वाला है लेकिन अभी इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में करीब दो साल लगेंगे। ऐसे में इन दो सालों में शहर की जलप्रदाय व्यवस्था इन आखरी सांस ले रहे उपकरणों पर टीकी हुई है।ऐसे नजारे शहर के कई क्षेत्रों में देखे जा सकते हैं।सुविधा के लिए शाम को जलप्रदाय गर्मी में के कारण कभी-कभी बिजली के फाल्ट हो जाता है। क्षीरसागर क्षेत्र की टंकी भरने में परेशानी हुई थी, जिस पर जनता की परेशानी देखते हुए शाम को पानी सप्लाई किया गया।