उज्जैन, पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल यात्रियों को सुरक्षित, सुविधाजनक और सुखद यात्रा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। नियमित ट्रेनों के साथ-साथ विशेष ट्रेनों का संचालन भी इसी उद्देश्य से किया जाता है। यात्रियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे विभिन्न श्रेणियों के लिए रियायती टिकट उपलब्ध कराता है। इन्हीं में विद्यार्थियों के लिए रियायती प्रमाणपत्र के आधार पर किराए में छूट दी जाती है।
हालांकि, कुछ लोग इस सुविधा का अनुचित लाभ उठाने का प्रयास करते हैं। इसका ताज़ा उदाहरण 2 अक्टूबर 2025 को गाड़ी संख्या 22944 इंदौर-दौंड एक्सप्रेस में सामने आया, जब देवास से लोनावला तक 150 से अधिक छात्र बिना वैध रियायती प्रमाणपत्र के यात्रा करते हुए पकड़े गए।
रतलाम मंडल को मिली गुप्त सूचना के आधार पर वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्रीमती हिना केवलारामानी के निर्देशन में विशेष जांच टीम का गठन किया गया। इसमें मंडल वाणिज्य प्रबंधक राजेश मथुरिया, सहायक वाणिज्य प्रबंधक राजेश तन्ना, मुख्य वाणिज्य निरीक्षक मिक्की सक्सेना, वाणिज्य अधीक्षक अख्तर व अमित मसीह सहित 10 सदस्यीय स्क्वाड और आरपीएफ स्टाफ शामिल थे।
योजनाबद्ध तरीके से रतलाम स्टेशन से ट्रेन के प्रस्थान के बाद टीम ने सभी शयनयान कोचों की जांच की। जांच के दौरान टूर ऑर्गनाइजर से रियायत पत्र एवं वैध यात्रा प्रमाण मांगा गया, लेकिन वह प्रस्तुत करने में असमर्थ रहा। पूछताछ में ऑर्गनाइजर ने स्वीकार किया कि टिकट एक एजेंट के माध्यम से तैयार करवाए गए थे। उनका बयान भी टीम द्वारा दर्ज किया गया। टूर ऑर्गनाइजर द्वारा बताये गये एजेंट के विरूद्ध उचित कार्यवाही करने हेतु प्रकरण रेलवे सुरक्षा बल/जीआरपी को भेजा जाएगा।
नियमों के अनुसार कुल 152 छात्रों से रेलभाड़ा वसूला गया तथा टूर ऑर्गनाइजर से ₹1,17,040/- का जुर्माना वसूल किया गया।
रतलाम मंडल के इतिहास में यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में रियायत का दुरुपयोग करते हुए अवैध यात्रा करने वालों को पकड़ा गया और कार्यवाही की गई। इसे मंडल की एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।