सीएम हेल्पलाइन में एल-3 और एल-4 स्तर पर अनावश्यक शिकायतें लम्बित न हों -कलेक्टर

उज्जैन । कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने बुधवार को बृहस्पति भवन के सभाकक्ष में समयावधि-पत्रों की समीक्षा बैठक ली। जिले में सीएम हेल्पलाइन के लम्बित प्रकरणों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने निर्देश दिये कि एल-3 और एल-4 स्तर पर शिकायतें अनावश्यक लम्बित न हों। शिकायतों का संतुष्टिपूर्वक निराकरण बढ़ाया जाये। कलेक्टर ने कहा कि अगली टीएल बैठक में शिकायतकर्ता से रेण्डमली फोन लगाकर उनके द्वारा पूछा जायेगा कि वे प्रकरण के निराकरण से संतुष्ट हैं अथवा नहीं।

कलेक्टर ने सीएमएचओ को निर्देश दिये कि स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत एल-1 स्तर पर शिकायत प्राप्त होने पर सम्बन्धित बीएमओ से चर्चा करें और उनके द्वारा शिकायत का निराकरण किया जाये। बीएमओ द्वारा शिकायतों का निराकरण एल-1 स्तर पर किया जाये, अन्यथा अगली बार से सम्बन्धित बीएमओ का वेतन काटा जायेगा। सीएम हेल्पलाइन में प्राप्त शिकायतों के निराकरण में कुछ विभाग रैंक में पिछड़ रहे हैं। अगली टीएल बैठक में वे रैंक में सुधार लायें। जो शिकायतें सौ दिवस से अधिक समयावधि से लम्बित हैं, उनका निराकरण शीघ्र-अतिशीघ्र किया जाये। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत लम्बित शिकायतों का निराकरण करने के निर्देश कृषि अधिकारी को दिये गये।

टीकाकरण अभियान की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने समस्त एसडीएम को निर्देश दिये कि 15 से 18 वर्ष के बालक-बालिकाओं के शत-प्रतिशत टीकाकरण के प्रमाण-पत्र की जांच के लिये प्रत्येक पंचायत में उक्त आयुवर्ग के बच्चों की संख्या उन्हें उपलब्ध करवाई जायेगी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सचिव और आशा कार्यकर्ता के माध्यम से बच्चों के नाम और पिता के नाम की सूची बनाई जाये तथा उन्हें दी गई जानकारी से इसका मिलान करें। जिला शिक्षा अधिकारी शासकीय और अशासकीय विद्यालयों में रेण्डमली पांच से दस बच्चों को चेक करवायें कि उन्हें टीका लग गया है अथवा नहीं।

ऐसे फ्रंटलाइन वर्कर्स और हैल्थ वर्कर्स जिन्होंने बिना किसी ठोस कारण के बूस्टर डोज नहीं लगवाया है, उनका वेतन रोका जाये। जल जीवन मिशन की सभी सीईओ जनपद पंचायत निरन्तर मॉनीटरिंग करें। ऐसी प्रत्येक पंचायत जहां नल जल योजना प्रारम्भ हो गई है, वहां लिक्विड वेस्ट ट्रीटमेंट के लिये फिल्टर प्लांट लगवाये जायें। वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम गांवों के शासकीय विद्यालयों और आंगनवाड़ी केन्द्रों में लगाये जायें। ग्राम पंचायतों में स्टेण्ड पोस्ट के पास सोकपिट बनवाये जायें।

कलेक्टर ने कहा कि गेहूं उपार्जन का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। सभी एसडीएम नोडल अधिकारियों की केन्द्रवार नियुक्ति करें। अडॉप्ट एन आंगनवाड़ी कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने निर्देश दिये कि समस्त जिला अधिकारी जिन्होंने आंगनवाड़ी केन्द्रों को अडॉप्ट किया है वे समय-समय पर केन्द्रों का निरीक्षण करें। गंभीर कुपोषित बच्चों के परिवारों से बात करें। अडॉप्टेड आंगनवाड़ी केन्द्र के रख-रखाव पर ध्यान दें। ऐसे जनप्रतिनिधि और समाजसेवी जिन्होंने आंगनवाड़ी केन्द्र अडॉप्ट किये हैं, उनके साथ समय-समय पर बैठक आयोजित करें।

मातृ स्वास्थ्य और बाल स्वास्थ्य में पंजीयन की स्थिति को प्रतिदिन चेक किया जाये। सभी जनपदों में पिछले पांच वर्षों के तहत जन्म और मृत्यु के आंकड़ों की जानकारी योजना एवं सांख्यिकी विभाग को भिजवाई जाये। राजस्व वसूली के प्रकरणों पर विशेष फोकस किया जाये।

बैठक में अपर कलेक्टर श्री अवि प्रसाद, एडीएम श्री संतोष टैगोर, आयुक्त नगर निगम श्री अंशुल गुप्ता, सीईओ जिला पंचायत सुश्री अंकिता धाकरे, विभिन्न विभागों के अधिकारीगण तथा वीसी के माध्यम से सभी एसडीएम मौजूद थे।