उज्जैन । कलेक्टर श्री आशीष सिंह के निर्देशन में मिलावट से मुक्ति अभियान अंतर्गत खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा लगातार निरीक्षण किये जाकर खाद्य पदार्थों की जांच की जा रही है। इसी क्रम में 15 फरवरी को 772, उद्योगपुरी आगर रोड़, उज्जैन स्थित गजराज आटा चक्की एण्ड मसाला चक्की के मिर्च नमूनों के असुरक्षित पाये जाने पर जिला प्रशासन के दल द्वारा श्री गोविन्द दुबे अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के नेतृत्व में श्री जितेन्द्र भास्कर थाना प्रभारी पुलिस थाना चिमनगंज मण्डी, नगर निगम उज्जैन के अधिकारियों की उपस्थिति में नगर निगम द्वारा धर्मेन्द्र दयाल की मसाला चक्की के अवैध निर्माण को धवस्त किया गया। साथ ही संबंधित धर्मेन्द्र दयाल (मसाला चक्की संचालक) एवं नितिन लोधी (मसाला व्यापारी) के विरूद्ध थाना चिमनगंज मण्डी में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 272, 273 एवं 420 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कराई गई।
खाद्य सुरक्षा विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम द्वारा 25 जनवरी को 772, उद्योगपुरी आगर रोड़ उज्जैन स्थित गजराज आटा चक्की एण्ड मसाला चक्की पर निरीक्षण किया गया। मौके पर उपस्थित धर्मेन्द्र दयाल पिता रामचन्द्र दयाल उम्र 45 वर्ष निवासी – 31, सरदारपुरा माली धर्मशाला के पास, उज्जैन ने स्वयं को उक्त चक्की का प्रोप्रायटर होना बताया। धर्मेन्द्र दयाल द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा व्यापारियों की खड़ी लाल मिर्च का पिसाई का कार्य किया जाता है। मौके पर निरीक्षण के दौरान धर्मेन्द्र दयाल के परिसर में प्लास्टिक के 14 कट्टों में लगभग 704 किलोग्राम लाल मिर्च पावडर संग्रहित होना पाया, जिसे धर्मेन्द्र दयाल ने व्यापारी नितिन लोधी पिता सत्यनारायण लोधी निवासी – 646, तिरूपति धाम, कानीपुरा रोड़, उज्जैन का होना बताया। धर्मेन्द्र दयाल की सूचना पर उक्त 14 कट्टे लाल मिर्च पावडर का मालिक नितिन लोधी मौके पर उपस्थित हुआ एवं स्वीकार किया कि उक्त लाल मिर्च पावडर उसके स्वयं का है। नितिन लोधी ने बताया कि उसके द्वारा 7.5 क्विंटल खड़ी मिर्ची और आईल पालीश के नाम से कृत्रिम रंग 500 ग्राम चक्की संचालक धर्मेन्द्र दयाल को देकर पिसवाया है और वह यह लाल मिर्च पावडर ग्रामीण क्षेत्रों में विक्रय करता है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा उक्त लाल मिर्च पावडर के नमूनें लिये जाकर जाँच हेतु राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल भेजे गये है, जिसमें जाँच उपरांत हानिकारक प्रतिबंधित आईल सोल्यूबल कोलतार कलर की मिलावट पाई जाने से नमूनें असुरक्षित स्तर के घोषित किये गये। जाँच रिपोर्ट के आधार पर खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा संबंधितों के विरूद्ध खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 अंतर्गत सक्षम न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया जावेगा।