उज्जैन । श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि पर्व बडे ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शिव नवरात्रि में भगवान श्री महाकालेश्वर ने नौ दिन तक अलग-अलग रूपों में श्रद्धालुओं को दर्शन दिये, परंपरानुसार फाल्गुन शुक्ल द्वितीया (चन्द्रदर्शन) शुक्रवार को भगवान के एक साथ पांच स्वरूपों में में दर्शन दिये। भगवान श्री महाकाल के पंच मुखरविंद में एकसाथ श्री मनमहेश, शिवतांडव, होल्कर, छबिना एवं उमामहेश के स्ववरूप में अपने भक्तों को दर्शन दिये। पंच मुखारविंद दर्शन के पूर्व भगवान महाकाल की शाम 5 बजे का पूजन अपराह्न 3 बजे हुआ। तत्पश्चात भगवान श्री महाकाल ने भक्तों को पांच स्वरूपों में श्रृंगारित होकर दर्शन दिये।
मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड़ ने कहा कि, महाशिवरात्रि के पश्चात वर्ष में एक बार ही ऐसा अवसर आता है, जब एक साथ भगवान महाकाल पांच मुखौटों में दर्शन देते हैं।