उज्जैन । शिप्रा तट गंगाघाट को पर्यटन केंद्र बनाया जाएगा और यहां गंगा दशहरा पर मेला दोबारा आयोजित होगा। ब्रह्मलीन अखंड मौनव्रती श्री श्री मौनीबाबा पंचम पुण्यस्मरण पर्व गुरुवार को मौनतीर्थपीठ में आराधना पर्व के रूप में मना। इस अवसर पर संत सम्मेलन भी हुआ, जिसमें महांडलेश्वर स्वामी डॉ. सुमनानंद गिरि जी महाराज ने शिप्रा शुद्धिकरण और त्रिवेणी तीर्थ को बचाने का प्रस्ताव रखा, जिस पर सांसद श्री अनिल फिरोजिया ने अपनी सहमति दी और क्रियान्वयन का भरोसा दिलाया। सांसद ने कहा गंगाघाट को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करेंगे। महापौर श्री मुकेश टटवाल ने घोषणा की कि गंगा दशहरे पर पहले गंगाघाट पर मेला लगता था। इस बार 30 मई को गंगा दशहरा पर पुण्य स्नान के साथ नगर निगम की तरफ से मेले का आयोजन किया जाएगा।
गंगाघाट स्थित श्री मौनतीर्थ पीठ में ब्रह्मलीन श्रीश्री मौनीबाबा का पंचम पुण्यस्मरण आराधना पर्व के रूप में मनाया गया। सांसद श्री फिरोजिया और महापौर श्री टटवाल अतिथि थे। कार्यक्रम में महामण्डलेश्वर स्वामी डॉ. सुमनानंद गिरि जी महाराज ने शिप्रा शुद्धिकरण और त्रिवेणी तीर्थ को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात उठाई। सभी उपस्थित संतों ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया और सांसद से इस मांग पर गंभीरता से विचार करने को कहा। पूज्य गुरुदेव महामंडलेश्वर स्वामी सुमनानंद जी महाराज ने कहा की श्री मौनतीर्थ पीठ का उल्लेख कर बताया उज्जयिनी के 28 तीर्थों में शामिल यह दशाश्वमेध तीर्थ (गंगाघाट) कालान्तर में दशाश्वमेध घाट और अब गंगाघाट हुआ। यहां पर स्नान-दान का कई गुणा फल प्राप्त होता है। सांसद के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने उपस्थित संतों के सम्मुख मांग रखी की शिप्रा के स्वरूप और उसके अस्तित्व को बनाए रखने में सहयोग करें। खान नदी (कान्ह नदी) को रोकने से त्रिवेणी संगम तीर्थ का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। इसको बचाए रखने के लिए कान्ह नदी को रोकने के बजाए फिल्टर प्लांट स्थापित कर शुद्ध करने के प्रयास किए जाएं। साथ ही शिप्रा सदानीरा बनाने के लिए इसके कैंचमेंट एरिया और सहायक नदियों को बचाना होगा। सांसद ने इस मांग को सही बताया और इस योजना के क्रिन्यावयन का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा इस घाट को पर्यटन केंद्र के रूप में शामिल किया जाना चाहिए। इसके लिए वे अपने स्तर पर हर संभव प्रयास करेंगे।
महापौर श्री टटवाल ने कहा इस घाट पर नागर निगम द्वारा मेला आयोजित करने की परंपरा रही है जो कालांतर में बंद हो गई। इस मेले को वापस शुरू किया जाना चाहिए जिससे कि परंपरा के माध्यम से लोग इस पवित्र तीर्थ से जुड़ें। उन्होंने कहा गंगा दशहरा पर्व पर निगम की ओर से यह मेला आयोजित किया जाएगा।
आराधना पर्व प्रात: 11 बजे से प्रारंभ हआ। इस आयोजन में बाबा का अभिषेक पूजन और महाआरती की गई। आरती में उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र के सांसद श्री फिरोजिया एवं महापौर मुकेश टटवाल विशेष रूप से शामिल हुए। कार्यक्रम में आशीवर्चन देते हुए पूज्य स्वामी जी ने कहा कि बाबा ने कहा था कि गुरु तत्त्व अमर है, और मेरे जाने के बाद हमारी समाधि भक्तों और शिष्यों की मनोकामना पूर्ण करती रहेगी। आश्रम परिवार की तरफ से सांसद और महापौर को स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम पश्चात भोजन का प्रसाद का आयोजन किया गया, इसमें संतों और भक्तजनों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की। समारोह में शामिल सभी संतों का सम्मान भी किया गया। अग्नि अखाड़े के श्री कृष्णानंद जी, निर्मोही से लालदास, दिगंबर से श्री रामचंद्रदास और निर्वाणी अखाड़े के प्रतिनिधि सहित साधु संत सम्मिलित हुए। पूर्व एसडीएम श्री शिवकुमार दुबे विशेष रूप से उपस्थित रहे।
*सांसद बोले मेरे पिता भी आते थे गंगाघाट*
सांसद श्री फिरोजिया ने कहा मेरे पिता भी गंगाघाट आते रहते थे और ब्रह्मलीन श्री मौनीबाबा से भेंट कर आशीर्वाद लेते थे। वे इस घाट को बचपन से ही जानते हैं। इस घाट का अपना महत्व है। पर्यटन केंद्र बनने से बाहर से आने वाले लोग भी इसकी पौराणिकता को जान सकेंगे।
*स्वामी सुमनानंद वैदिक निलयम और भक्त निवास की सौगात*
श्री मौनतीर्थ पीठ में वेदपाठी बटुकों के लिए नवीन छात्रावास स्वामी सुमनानंद वैदिक निलयम और श्री मौनतीर्थ भक्त निवास का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया। यहां बाहर से आने वाले भक्तों को आध्यात्मिक एवं धार्मिक वातावरण में रहने का अवसर प्राप्त होगा। वहीं भक्तों को शुद्ध एवं सात्विक भोजन प्राप्त हो सकेगा।