विक्रमोत्‍सव 2023 : चाणक्‍य के रूप में मनोज जोशी ने दर्शकों से किया संवाद

उज्‍जैन, भारत उत्‍कर्ष, नवजागरण और वृहत्‍तर भारत की सांस्‍कृतिक चेतना पर एकाग्र विक्रमोत्‍सव 2023 (विक्रम सम्‍वत् 2079) अंतर्गत विक्रम नाट्य समारोह का शुभारंभ बॉलीवुड अभिनेता व फिल्‍म डायरेक्‍टर मनोज जोशी द्वारा निर्देशित नाटक ”चाणक्‍य” के मंचन से हुआ। यह नाटक बताता है कि आज चाणक्य सदृश्य नीति नियंता की आवश्यकता है। हमें उसके कौटिल्य वाले पक्ष को समझने की आज अधिक जरूरत है और यह संदेश दिया गया कि राष्ट्र से महान कुछ नहीं होता है… कुछ भी नहीं। स्वत्व… परिवार समाज, नागरिक, धन, संपदा… इत्यादि, सभी राष्ट्र के सम्मुख द्वितीय श्रेणी में रहने वाले हैं।
इतना ही नहीं बेहतरीन अभिनय, खूबसूरत मंच की साज-सज्जा और सटीक संवादों ने दर्शकों को पूरे समय बांधे रखा। चाणक्य की दूरदर्शिता, योजनाद्ध तरीके से कार्य का क्रियान्वयन और समर्पण को मंच पर मनोज जोशी ने बखूबी दर्शकों के सामने पेश किया। पौराणिक कहानी के मंचन में आकर्षण का केन्द्र बिन्दु अभिनेता मनोज जोशी ही रहे। उनके सधे अभिनय और टाइमिंग को टीवी और फिल्मों की तरह थियेटर में दर्शकों का प्यार मिला। अक्सर हास्य भूमिकाओं में गुदगुदाने वाले मनोज जोशी जब भी चाणक्य के किरदार में आते हैं तो उनका अलग ही रूप दिखता है।
इसके पहले महर्षि पाणिनि संस्कृत वैदिक विश्वविद्यालय के कुलपति, महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के पूर्व निदेशक डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित, शोधपीठ के वर्तमान निदेशक श्रीराम तिवारी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। मंच का संचालन कवि दिनेश दिग्गज ने किया।

आज की प्रस्‍तुति ”रामायण एवं श्रीमदभगवतगीता आन व्‍हील्‍स”
14 से 21 मार्च तक चलने वाले विक्रम नाट्य समारोह के दूसरे‍ दिन 15 मार्च को बैंगलुरू के सलाउद्दीन पाशा निर्देशित नाटक ”रामायण एवं श्रीमदभगवतगीता आन व्‍हील्‍स” का मंचन होगा। यह दिव्यांगों द्वारा बैसाखी और व्हीलचेयर के इस्तेमाल से की जाने वाली प्रस्‍तुति रंगमंच के इतिहास में पहली है। इस नाटक के देश और दुनिया में अनेक प्रदर्शन हो चुके हैं।