वराह मिहिर जयंती पर काव्य गोष्ठी व व्यक्तित्व परिचर्चा का आयोजन

उज्जैन – चैत्र शुक्ल विजया दशमी तिथि पर संस्कार भारती एवं विचार क्रांति मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित काव्य गोष्ठी एवं व्यक्तित्व परिचर्चा का आयोजन श्रीधाम आश्रम नील गंगा उज्जैन पर रखा गया। कार्यक्रम संयोजक अनिल पांचाल सेवक ने संचालन करते हुए वराहमिहिर के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए सम्राट विक्रमादित्य द्वारा युवा मिहिर को अपने दरबार में विशेष सलाहकार के रूप में नियुक्त करते हुए वराह की उपाधि से अलंकृत कर अपनी नव रत्न सभासदों के मध्य रत्न शिरोमणि बनने तक का वृतांत सुनाया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता अतिथि प्रोफेसर डॉ प्रीति पांडे ने आचार्य वराह मिहिर की जन्म भूमि के पुरातात्विक महत्व को बताते हुए वराहमिहिर के विस्तृत विभिन्न क्षेत्रों में योगदान को रेखांकित करते हुए अति विशिष्ट जानकारियां प्रस्तुत की आयोजन की अध्यक्षता संस्कार भारती के नाट्य विधा सह संयोजक श्रीपाद जोशी ने अपने वक्तव्य में सामाजिक व साहित्यिक आयोजन के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की संजय शर्मा ने संस्कार भारती के विभिन्न प्रकल्पों की जानकारी देते हुए काव्यपाठ किया। साहित्य विधा संरक्षक विनोद काबरा ने संस्मरण सुनाए श्रीमती ‌माया
मालवेन्द्र बदेका की सरस्वती वंदना से प्रारम्भ हुई काव्य गोष्ठी में वरिष्ठ कवि सत्यनारायण नाटाणी सत्येन्द्र, सुगन चंद जैन, मानसिंह शरद, राजेश स्वामी,अनुज पांचाल, हरदीप दायले,विजय शर्मा गोपी,अक्षय चवरे ओम प्रकाश कुमायु,आदि ने शानदार काव्यपाठ करते हुए तालियां बटोरी। विचार क्रांति मंच के सदस्यों के साथ कायथा निवासी पं भुवनेश त्रिवेदी मांगीलाल रुपायला, भारतसिंह पटवारी, महेंद्र सिंह हुक़्क़ा वाला, शिवेंद्र सिंह सिसौदिया बड़ा रावला, राजकुमार पाटीदार, महेश पाटीदार बंशीलाल चौधरी व अनिल पांचाल सहित अनेक ग्रामीण जन ने स्थापित प्रतिमा पर आरती एवं पुष्पांजलि अर्पित की। साहित्य विधा सह संयोजक नंदकिशोर पांचाल ने उपस्थित अतिथियों एवं साहित्यकारों का आभार व्यक्त किया।
उक्त जानकारी संस्कार भारती के मीडिया प्रभारी जयंत तेलंग ने दी।