उज्जैन । प्राकृतिक आपदाओं से अधिसूचित क्षेत्र में बोई गई अधिसूचित फसल को बीमा कवर प्रदान करना, कृषि में उन्नत तकनीकी के प्रयोग को बढ़ावा देना और आपदा वर्षों में कृषि आय को स्थिर रखने के उद्देश्य से किसानों के लिये अनूठी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है। इस योजना के अन्तर्गत फसल बीमा इकाई स्तर पर प्राकृतिक आपदाओं से उपज में आई कमी एवं अन्य अधिसूचित जोखिमों से होने वाले नुकसान की भरपाई फसल बीमा योजना के नियम एवं शर्तों के अनुसार की जायेगी। बीमा कराने की अन्तिम तिथि 31 जुलाई तक है।
कृषि विभाग के उप संचालक ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बीमा के लिये पात्र कृषक सभी जो अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल की खेती कर रहे हैं, उनके लिये है। ऋणी कृषकों के लिये कृषक जो योजना में शामिल नहीं होना चाहते हैं, उन्हें अपना हस्ताक्षरित घोषणा पत्र खरीफ की अधिसूचित फसलों के लिये बीमा कराने की अन्तिम तिथि 31 जुलाई से सात दिन पूर्व सम्बन्धित वित्तीय संस्थान में अनिवार्य रूप से जमा कराना होगा। इसी तरह अऋणी कृषकों के लिये अपनी फसल का बीमा प्रस्ताव पत्र पूर्ण रूप से भरकर आवश्यक दस्तावेज नवीनतम भू-अधिकार पुस्तिका, बुवाई प्रमाण-पत्र, बैंक पासबुक, आधार कार्ड की कापी एवं प्रीमियम सहित निकटतम व्यावसायिक, सहकारी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सामान्य सेवा केन्द्र, बीमा मध्यस्थ/बीमा एजेन्ट, भारत सरकार की वेब साइट pmfby.gov.in अथवा फसल बीमा एप के द्वारा भी करवा सकते हैं। आपदा हेतु जोखिम की सूचना कृषक द्वारा 72 घंटे के भीतर इफको-टोकियो के टोलफ्री नम्बर पर अनिवार्य रूप से देनी होगी। बीमित कृषकों द्वारा बीमित फसल के नाम में परिवर्तन की सूचना कटऑफ डेट से दो दिन पहले बैंक शाखा, बीमा मध्यस्थ, फसल बीमा पोर्टल या फसल बीमा एप पर अनिवार्य रूप से देना होगी।
किसानों से अनुरोध है कि वे अपनी अधिसूचित फसलों का बीमा खरीफ मौसम के लिये अन्तिम तिथि से पूर्व निकटतम प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, व्यावसायिक बैंक, सामान्य केन्द्र अथवा उक्त वेब साइट आदि पर योजना से सम्बन्धित जानकारी के लिये सम्पर्क कर सकते हैं।