उज्जैन
। भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में चौथे सोमवार को सायं 04 बजे परम्परानुसार श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी धूमधाम से निकली। सवारी में भगवान श्री महाकालेश्वर ने चार विभिन्न स्वरूपों में भक्तों को दर्शन दिये।
जिसमें पालकी में श्री चन्द्रमोलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, बैलगाडी में गरूड पर शिवतांडव एवं बैलगाडी में नंदी पर श्री उमा-महेश के स्वरूप में विराजमान होकर अपनी प्रजा का हाल जानने निकले।
श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व द्वारा श्री माखन सिंह चौहान, केबिनेट मंत्री व अध्यक्ष मध्यप्रदेश तीर्थ स्थान एवं मेला विकास प्राधिकरण, श्री विभाष उपाध्याय, उपाध्यक्ष मध्यप्रदेश जनअभियान परिषद,श्री कुमार पुरुषोत्तम कलेक्टर एवं अध्यक्ष श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति, आचार्य श्री शेखर जी महाराज, ने महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का पूजन-अर्चन किया गया। पूजन शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न कराई गई।
श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर के सभामंडप में श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत श्री विनीत गिरी जी महाराज, महापौर श्री मुकेश टटवाल, उज्जैन उत्तर विधायक श्री पारसचंद्र जैन, श्रीमती कलावती यादव अध्यक्ष नगर पालिक निगम उज्जैन, आयुक्तनगर पालिक निगम श्री रोशन सिंह, प्रशासक श्री संदीप सोनी, मंदिर प्रबंध समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरु, श्री राजेंद्र शर्मा ‘गुरु’, श्री राम पुजारी आदि ने भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन -अर्चन किया और आरती में सम्मिलित हुए। इस दौरान सहायक प्रशासक श्री मूलचंद जूनवाल, श्री प्रतीक द्विवेदी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री आर.के तिवारी आदि उपस्थित थें। सभी गणमान्यो में पालकी को कंधा देकर नगर भ्रमण हेतु रवाना किया।
कहारों द्वारा पालकी जैसे ही मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची वहां सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई।
भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर की पालकी परंपरानुसार अपने निर्धारित मार्ग से होते हुए रामघाट पहुची ।
राजाधिराज भगवान महाकाल की सवारी में हजारों भक्त भगवान शिव का गुणगान करते हुए तथा विभिन्न भजन मंडलियां झांझ-मंजीरे, डमरू बजाते हुए चल रहे थे। सवारी मार्ग के दोनों ओर हजारों श्रद्धालु पालकी में विराजित चन्द्रमोलेश्वर के दर्शन के लिए खडे थे जैसे ही पालकी उनके सामने से निकली वैसे ही भगवान के गुणगान एवं पुष्प वर्षा कर अपने आपको श्रद्धालु धन्य मान रहे थे।
रामघाट पर मॉं क्षिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन किया गया। इसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर पहुंची। जहॉ सिंधिया ट्रस्ट के पुजारी द्वारा पालकी में विराजित श्री चन्द्रमोलेश्वर का पूजन किया गया।
इसके पश्चात सवारी पटनी बाजार और गुदरी चौराहे से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची। मंदिर पहुंचने के पश्चात भगवान श्री महाकालेश्वर की संध्या आरती हुई।
पंचम सवारी 07 अगस्त 2023 को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद सम्मिलित रहेगा।