उज्जैन: वर्कशाप विभाग के कुल व्यय का 88 प्रतिशत डीजल पर खर्च होना आश्चर्यजनक होकर चिंता का विषय है। इस बढ़ते हुए खर्च को कैसे कम किया जाए ? परीक्षण कर प्रस्तावित करें।
यह निर्देश आयुक्त श्री रौशन कुमार सिंह ने दिये हैं। वर्कशाप विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान निगम आयुक्त ने वर्कशाप के खर्चो का ब्यौरा तलब किया। जो जानकारी प्रस्तुत की गई उस अनुसार वर्कशाप का अब तक का कुल व्यय 8,24,97,695/- बताया गया जिसमें डीजल खर्च 7,27,25,104/- उल्लेखित है। निगम आयुक्त ने कहा कि डीजल खर्च बहुत अधिक हो रहा है इसे नियंत्रित करते हुए कम करें। इस हेतु क्या उपाय किये जा सकते हैं प्रस्तावित करें।
निगम आयुक्त ने निर्देशित किया कि निगम के पास जो पुराने वाहन हैं उनमें से जो दुरूस्त हो कर उपयोग में लाए जा सकते हैं उन्हें दुरूस्त कराएं तथा शेष अनुपयोगी वाहनों को नीलाम किये जाने की कार्यवाही की जाए।
वर्कशाप से सम्बंधित विभिन्न कार्यो की निविदा सम्बंधी कार्यवाही का ब्यौरा सामने आने पर पाया गया कि अनेक प्रकरण अनावश्यक रूप से लम्बित पडे़ हैं। निर्देशित किया गया कि निविदा प्रकरणों में कार्यवाही अविलम्ब पूर्ण कराई जाए ताकि अपेक्षित आावश्यक सामग्री क्रय की जा सके।
शहर में विभिन्न स्थानों पर जो लीटर बिन लगाए गए हैं उनका नियमित संधारण मरम्मत और सफाई सुनिश्चित की जाए।
बैठक में बिना सूचना के अनुपस्थित रहने पर श्री उमेश बैस के प्रति निगम आयुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए उपायुक्त को कार्यवाही के निर्देश दिए।
बैठक में अपर आयुक्त श्री आदित्य नागर, उपायुक्त श्री संजेश गुप्ता, कार्यपालन यंत्री श्री पी.सी. यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।