भारतीय दर्शन को विचार मे रखकर नवाचार किया जाना चाहिए -डॉ.विकास दवे

उज्जैन, सामाजिक रूप से भौतिक जीवन की व्यस्तता मे हम भारतीय संस्कृति और संस्कारो से दूर हो चले है।हमने अपने प्राचीन वैभवशाली इतिहास व मान बिन्दुओ को विस्मृत कर दिया है। वर्तमान समय मे हमे भारतीय दर्शन को आधार मानकर ही नवाचार करना होगा।
स्त्री विमर्श के लिए भेद उत्पन्न किया गया जबकि हमारे संस्कृति मे स्त्री नहीं होकर माता,पत्नी, दादी,नानी,मौसी,भुआ,
काकी,बहन ही होती है ,यह बात अखिल भारतीय संस्कार भारती के मालवा प्रांत की अष्टम वार्षिक साधारण सभा के समापन सत्र को संबोधित करते हुवे मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डाँ. विकास दवे ने कही.
विस्तृत जानकारी देते हुवे प्रचार प्रमुख जयंत तेलंग ने बताया की संस्कार भारती के मालवा प्रांत की अष्टम वार्षिक साधारण सभा का दो दिवसीय आयोजन चतुर्भुज श्रीराम मंदिर मांडू जिला धार मे दिनांक 2 से 3 सितम्बर 2023 को किया गया।
सरस्वती पूजन,ध्येय गीत व अतिथियों के स्वागत,परिचय पश्चात सभी दायित्ववान कार्यकर्ताओं के परिचय के पश्चात अ.भा.नाट्य विधा सह संयोजक श्री श्रीपाद जोशी द्वारा संगठन की कार्यप्रणाली,प्रांतीय बैठक का महत्व, सतत व सक्रिय रूप से कार्यक्रम का नियोजन तथा आयोजन कैसे किया जावे एवं साथ ही साथ वैचारिक संगठन के नाते हम राष्ट्रहित मे सकारात्मक विमर्श का निर्माण करना,समाज में उसे प्रतिस्थापित करने आदि विषयो पर प्रकाश डालते हुवे सभा को संबोधित किया।
मालवा प्रांत की इंदौर,खंडवा,खरगोन,धार,झाबुआ,रतलाम,मंदसौर,
उज्जैन,देवास से आए हुवे कार्यकर्ताओं के द्वारा वर्ष भर मे इकाई द्वारा किए गए के कार्यक्रमों को प्रतिवेदन सभा के समक्ष प्रस्तुत किया।
गत वर्ष की साधारण सभा की कार्यवाही विवरण का वाचन श्री पराग भोंसले सह महामंत्री द्वारा किया गया जिसे सर्वसम्मति से सभा द्वारा स्वीकृत किया गया।
दोपहर के सत्र का प्रारम्भ कार्यकारी अध्यक्ष श्री योगेंद्र पिपलोनिया के एकल गीत से प्रारम्भ हुआ,प्रांत के उपाध्यक्ष श्री दिनेश दिग्गज ने साहित्य विधा का,श्री सतीश दवे ने नाट्य विधा का,श्रीमती शोभा चौधरी ने संगीत विधा का,श्रीमती शुभा वैद्य ने चित्रकला विधा, श्री सुंदरलाल मालवीय जी ने लोककला का वृत निवेदन प्रस्तुत करते हुए आगामी कार्ययोजना से सभा को अवगत कराया गया। वार्षिक लेखा विवरण तथा आगामी बजट श्रीमती भावना सालकडे प्रांत कोषाध्यक्ष द्वारा प्रस्तुत किया जाकर सर्व सम्मति से स्वीकार किया गया।
प्रथम दिवस का संचालन श्री दुर्गेश सूर्यवंशी तथा प्रांत मंत्री श्रीमती मंजूषा राजस जौहरी द्वारा किया गया।श्री सुधीर सुभेदार जी ने संघ प्रेरणा गीत गाया।
अगले सत्र में सभा को 3 समूह मे विभाजित कर *सामाजिक संदर्भ में संस्कार भारती की विमर्शात्मक भूमिका* तथा अन्य वैचारिक मुद्दो पर चर्चा हेतु कहा गया, जिससे हमे कैसे सकारात्मक परिणाम व समाज मे हम संस्कृति संरक्षण की दिशा में क्या कार्य कर सकते है।
वार्षिक प्रतिवेदन, आगामी कार्ययोजना सभा के समक्ष प्रस्तुत करते हुए महामंत्री श्री संजय शर्मा के द्वारा प्रांतीय पदाधिकारियों के प्रवास की योजना प्रस्तुत की गई।
श्री विकास दवे जी से प्रांत के मार्गदर्शक मंडल में शामिल होने का अनुरोध किया, जिस पर सदन के द्वारा करतल ध्वनि से प्रस्ताव पारित किया गया।अगले एक वर्ष के लिए श्री उमेश भट उज्जैन को लोक कला विधा का संयोजक ,श्री अनुपम श्रीवास्तव धार को चित्रकला विधा का सह संयोजक, श्री रितेश पवार उज्जैन को सह कोषाध्यक्ष श्री प्रदीप जैन झाबुआ को प्रचार प्रमुख एवम श्री गोपाल महाकाल उज्जैन को सह प्रचार प्रमुख का दायित्व प्रदान किया गया।
अगले वर्ष की साधारण सभा इन्दौर में की जाना तय हुआ।
सभा मे अखिल भारतीय लोक विधा सह संयोजक तथा मध्य क्षेत्र प्रभारी, वरिष्ठ प्रचारक श्री निरंजन पांडा,अ.भा.नाट्य विधा सह संयोजक श्री श्रीपाद जोशी,मध्य क्षेत्र प्रमुख श्री अनिल जोशी, प्रांत अध्यक्ष सौ.कल्पना झोकरकर, कार्यकारी अध्यक्ष श्री योगेंद्र पिपलोनिया एवं प्रांत के सभी जिलों के अध्यक्ष, महामंत्री,कोषाध्यक्ष,विधा प्रमुख उपस्थित थे।
इस अवसर पर चतुर्भुज श्री राम मंदिर मांडू के महंत डॉ. नरसिंह दास जी महाराज का भी मार्गदर्शन प्राप्त हुआ,गो संवर्धन,पर्यावरण, गुरुकुल शिक्षा पद्धति आदि विषयों पर उन्होंने विस्तृत चर्चा कर सभी से एक वृक्ष लगाकर उसे सहेजने का आग्रह किया। संस्कार भारती द्वारा आदरणीय महंत जी को प्रतीक चिन्ह और शाल-श्रीफल भेंट कर सम्मान किया।
सभा का संचालन एवं आभार प्रदर्शन मालवा प्रांत के महामंत्री श्री संजय शर्मा द्वारा किया गया।
अंत में वंदेमातरम गीत के साथ बैठक का समापन हुआ।