दिव्यांग साधु ने कलेक्टर से बड़ा गणेश मंदिर तक ई-रिक्शा चलाने की अनुमति मांगी

उज्जैन। संत बालकदास गुरु देवीदास निवासी निर्मोही अखाड़ा 80 प्रतिशत तक कमर से नीचे तक पूर्ण रूप से दिव्यांग है व चलने में पूर्णत: असमर्थ हैं। संत बालक दास ने बताया कि वह एक मात्र विकलांग साधु ई रिक्शा चालक का कार्य करता है, जिससे शहर में आने वाले महाकालेश्वर मंदिर दर्शन एवं उज्जैन दर्शन करने वाले श्रद्धलुओं को किराया सूची के अनुसार सेवा प्रदान कर रहा हूँ। और साथ ही विकलांग, गर्भवती, बुजुर्ग इत्यादी की फ्री सेवा मेरे द्वारा प्रदान की जा रही है मेरे द्वारा पिछले 2 वर्षों से महाकालेश्वर क्षेत्र जिसमें बड़ा गणेश, महाकाल थाना, भारत माता मंदिर में सेवा प्रदान करने हेतु ई- रिक्शा ले जाया जाता था। किन्तु कुछ समय से महाकालेश्वर प्रबंथ समिति के सिक्युरिटी गार्ड, अन्य आटो चालक, ट्रॉफिक पुलिस द्वारा मुझे उपरोक्त क्षेत्रों में
प्रतिबंध कर दादागीरी और धोंस धमकी देकर भगाया जा रहा है। साथ ही महाकालेश्वर क्षेत्र में फुल प्रसादी की अवैध दुकान लगाने वाले नपुओं के द्वारा भी मुझे परेशान किया जा रहा है जिनकी खुद की दुकान अवैध है। मैं संत बालक दास शहर का एक मात्र ऐसा ई-रिक्शा चालक हूँ जो कि संत होने के साथ 80 प्रतिशत कमर से नीचे तक पूर्ण रूप से विकलांग हूं तथा चलने में पूर्णत: असक्षम हूं मेरे पास आय का कोई साधन नहीं होने से मेरे गुरु द्वारा ई-रिक्शा दिलवाया गया, जिसका भाड़ा और मेटेनेंस मेरे द्वारा किया जाता है। मेरे पास मेरी आय का एकमात्र साधन ई-रिक्शा चालन ही है। मैं भिक्षावृत्ति न करते हुए लोगों को सुविधा प्रधान करते हुए मेरी आय उत्पन्न कर रहा हूं। अत: आपसे अनुरोध है कि उपरोक्त जानकारी से अवगत होकर मुझे महाकालेश्वर क्षेत्र जिसमें बड़ा गणेश, महाकाल थाना, भारत माता मंदिर में सेवा प्रदान करने हेतु ई-रिक्शा ले जाने की अनुमति प्रदान करने हेतु पास या आपकी ओर से अनुमति पत्र देने की कृपा करे, जिससे किसी भी प्रकार की आवागमन में परेशानी समाप्त हो जाए। वहीं कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा विकलांग साधु को आश्वासन देते हुए आवेदन महाकाल मंदिर सहायक प्रबंधन को पहुंचाया गया।