उज्जैन । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कुमार पुरुषोत्तम ने निर्वाचन आयोग निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के पश्चात जिला स्तरीय स्टेंडिंग कमेटी की बैठक लेकर राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों को निर्वाचन कार्यक्रम की जानकारी देकर जिले में आदर्श आचार संहिता के प्रभावशील होने की जानकारी से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि 21 अक्टूबर को गजट नोटिफिकेशन होगा। नामांकन की अन्तिम तिथि 30 अक्टूबर और संवीक्षा 31 अक्टूबर को होगी। अभ्यर्थी द्वारा नाम वापस लेने की तिथि 2 नवम्बर रहेगी। मतदान 17 नवम्बर को होगा। मतगणना 3 दिसम्बर को होगी। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक जिले में आदर्श आचार संहिता लागू रहेगी।
जिला स्तरीय स्टेंडिंग कमेटी में पुलिस अधीक्षक श्री सचिन शर्मा, जिला पंचायत सीईओ श्री मृणाल मीना, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एमएस कवचे, एडीएम श्री अनुकूल जैन, सम्बन्धित आरओ, एआरओ, श्री विवेक जोशी, श्री बहादुर सिंह बोरमुंडला, श्री रवि भदौरिया, श्री रवि राय, श्री हेमन्त जौहरी, श्री मंजूर हुसैन कुरैशी, श्री संजय गोयल, श्री चौधरी मोहन कुराड़, श्री महेश मनचांदिया, श्री प्रकाश नरवरिया आदि उपस्थित थे।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कुमार पुरुषोत्तम ने जिला स्तरीय स्टेंडिंग कमेटी की बैठक के बाद प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों से चर्चा कर विधानसभा आम निर्वाचन के कार्यक्रम की घोषणा की जानकारी दी।
राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के लिये
सामान्य आचरण
विभिन्न जातियों और धार्मिक् या भाषायी समुदायों के मध्य मतभेदों को बढ़ाने या घृणा की भावना या तनाव पैदा करने वाले कार्यों से बचना चाहिये। मन्दिरों, मस्ज़िदों एवं अन्य धार्मिक स्थलों का उपयोग चुनाव प्रचार के लिये नहीं किया जाना चाहिये। निर्वाचन विधि के अन्तर्गत भ्रष्ट आचरण एवं अपराध से बचा जाना चाहिये। प्रसार के किसी भी प्रयोजन से किसी व्यक्ति की सम्पत्ति का उपयोग बिना अनुमति के नहीं करना चाहिये। प्रत्येक व्यक्ति के शान्तिपूर्ण एवं विघ्नरहित जीवन जीने के अधिकार का आदर करना चाहिये। निर्वाचन प्रचार के दौरान असंयमी एवं अपमानजनक भाषा का उपयोग नहीं किया जाना चाहिये तथा किसी के भी व्यक्तिगत चरित्र पर कोई टिप्पणी नहीं की जाना चाहिये। राजनैतिक दलों को अपने प्रचार के दौरान किसी भी माध्यम में आर्मी चीफ, अन्य रक्षा कार्मिकों या सुरक्षा बलों की किसी कार्यवाही के फोटोग्राफ का उपयोग नहीं करना चाहिये।
एमसीसी राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के लिये
सभाएं- प्रस्तावित सभा के स्थान एवं समय के बारे में स्थानीय पुलिस अधिकारियों को पूर्व से सूचित करना। प्रस्तावित सभा स्थल पर कोई प्रतिबंधात्मक या निर्बंधात्मक आदेश लागू हो तो उसका कड़ाई से पालन करवाया जाना चाहिये। लाउड स्पीकरों के उपयोग के लिये पूर्व से अनुमति प्राप्त की जाना चाहिये। विघ्न उत्पन्न करने वाले या अव्यवस्था फैलाने का प्रयत्न करने वाले व्यक्तियों से निपटने में पुलिस की सहायता करनी चाहिये।
जुलूस- जुलूस के प्रारम्भ होने का स्थान, समय एवं गुजरने का मार्ग, समाप्ति का समय एवं स्थान पूर्व निर्धारित किया जाना चाहिये तथा सामान्यत: कोई परिवर्तन नहीं करना चाहिये। स्थानीय पुलिस अधिकारियों को अग्रिम सूचना दी जाना चाहिये। प्रस्तावित क्षेत्रों में कोई प्रतिबंधात्मक या निर्बंधात्मक आदेश लागू हो तो उसका कड़ाई से पालन किया जाना चाहिये। यातायात के नियमों का पालन किया जाना चाहिये। यातायात में बिना कोई रूकावट या बाधा उत्पन्न किये जुलूस निकलने की व्यवस्था की जाना चाहिये। जुलूस सड़क के दांयी ओर रखा जाना चाहिये। अन्य राजनैतिक दलों के नेताओं या अभ्यर्थियों के पुतले लेकर चलने एवं जलाने के प्रयास नहीं किये जाना चाहिये।
मतदान दिवस- निर्वाचन कर्त्तव्य पर तैनात अधिकारियों के साथ सहयोग किया जाना चाहिये। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि मतदाता बिना किसी बाधा के सतर्कतापूर्वक मतदान कर सके। अपने कार्यकर्ताओं को पहचान-पत्र जारी किये जाना चाहिये। अभ्यर्थियों के बूथ मतदान केन्द्र से 200 मीटर की दूरी पर तथा साधारण होना चाहिये। उन पर कोई प्रचार सामग्री प्रदर्शित नहीं की जाना चाहिये। मतदान के दिन चलाये जाने वाले वाहनों के लिये परमिट प्राप्त किये जाना चाहिये। मतदान दिवस एवं इसके 48 घंटे पूर्व की अवधि में प्रचार, रैली, लाउड स्पीकर का उपयोग तथा शराब का वितरण करने से बचा जाना चाहिये।
नगर पालिकाओं, पंचायतों एवं अन्य स्थानीय संस्थाओं के साथ वैधानिक बैठकों जिन्हें टाला नहीं जा सकता, पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा, किन्तु ऐसी बैठकों में नये नीतिगत निर्णयों को लेने एवं उनकी घोषणा करने पर पूर्णत: प्रतिबंध होगा। ऐसी बैठकों में केवल सामान्य दिन-प्रतिदिन की व्यवस्थाओं से सम्बन्धित मसलों एवं किन्हीं अत्यावश्यक मामलों पर निर्णय लिये जा सकेंगे।
स्टार प्रचारकों द्वारा प्रचार
स्टार प्रचारकों द्वारा किये जाने वाले प्रचार एवं बारिकी से नजर रखी जाना चाहिये तथा किसी भी प्रकार से आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों की सूचना तत्काल आयोग को भेजी जानी चाहिये। जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा विभिन्न अभ्यर्थियों एवं दलों के द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों पर नजर रखने के लिये दलवार रजिस्टर संधारित किये जाने चाहिये।
आदर्श आचार संहिता की प्रभावी अवधि में शासकीय कार्यालयीन वेब साइट से मंत्रियों, राजनीतिज्ञों या राजनैतिक दलों से सम्बन्धित सभी सामग्री हटा ली जानी चाहिये। आदर्श आचार संहिता के प्रभावी रहने की अवधि में हितग्राहियों को वितरित किये जाने वाले हितग्राही कार्ड, निर्माणाधीन स्थलों पर लगे फ्लेक्स आदि पर मुख्यमंत्री, मंत्री, अन्य राजनैतिक व्यक्तियों के फोटोग्राफ एवं सन्देश नहीं होना चाहिये। बिजली के बिलों, जल वितरण के बिलों आदि जो आदर्श आचार संहिता लागू होने के पश्चात मुद्रित किये जायें, उन पर भीफोटोग्राफ सन्देश या राजनैतिक दलों के चिन्ह नहीं छापे जायें। शासकीय भवनों/परिसरों में जीवित राजनैतिक व्यक्तियों के फोटोग्राफ नहीं होना चाहिये।
चलित वाहनों पर प्रदर्शन
निर्वाचन के दौरान इनके एक-दूसरे स्थान पर आने-जाने को सम्बन्धित सांसद/विधायक का प्रचार माना जा सकता है, अत: आयोग के निर्देश है कि निर्वाचन अवधि में ऐसे सभी वाहनों पर लिखे गये नामों को उचित रीति से ढांककर रखा जाये। यदि ऐसे वाहनों को उड़नदस्ता पकड़ता है तो उन्हें राजसात करने के साथ-साथ उन पर किया गया व्यय अभ्यर्थी के व्यय खाते में जोड़ा जायेगा।
स्कूल, कॉलेज मैदानों का उपयोग
स्कूल एवं कॉलेज के अकादमिक कैलेण्डर में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिये। उक्त संस्था प्रबंधन को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिये तथा स्कूल कॉलेज प्रबंधन के साथ अनुविभागीय अधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त की जाना चाहिये। स्कूल, कॉलेज मैदान के आवंटन में किसी भी उल्लंघन के मामलों की समस्त जवाबदारी सम्बन्धित अनुविभागीय अधिकारी की होगी। मैदान के उपयोग के पश्चात बिना किसी नुकसान के या हो चुके नुकसान की प्रतिपूर्ति हेतु मुआवजा के साथ सम्बन्धित प्राधिकारी को लौटाना चाहिये। मुआवजा राशि की प्रतिपूर्ति हेतु सम्बन्धित दल जवाबदार होगा।
प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री राहत निधि से चिकित्सकीय उपचार, ऑपरेशन के लिये राशि जारी किये जाने पर कोई रोक नहीं होगी, किन्तु हितग्राही/मरीज का चयन सम्बन्धित शासकीय अधिकारियों, निजी चिकित्सालयों के प्रमुख द्वारा किया जाना आवश्यक होगा।
वाहनों के दुरूपयोग हेतु रोकथाम
चुनाव प्रचार-प्रसार निर्वाचन कार्यों एवं निर्वाचन सम्बन्धी यात्राओं के लिये केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय प्राधिकरण, मंडी बोर्ड, सहकारी समितियां, स्वायत्त जिला परिषदों के शासकीय वाहनों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। किसी मंत्रालय/विभाग के अधीन वाहनों के दुरूपयोग के मामलों में राज्य के प्रमुख सचिव भारत सरकार के सम्बन्धित विभाग के सचिव व्यक्तिगत रूप से जवाबदार होंगे। ऐसे वाहनों के किसी के भी द्वारा उपयोग जिसमें केन्द्र एवं राज्य सरकार के मंत्री भी शामिल हैं, प्रचार में दुरूपयोग या निर्वाचन से सम्बन्धित दौरा जो कि शासकीय कार्य से दर्शाया गया हो, पूर्णत: प्रतिबंधित होगा। यदि किसी व्यक्ति को सुरक्षा के दृष्टिकोण से केवल बुलेटप्रूफ वाहन में यात्रा करने की आवश्यकता है तो सरकार द्वारा ऐसे व्यक्ति को ऐसा वाहन सरकार द्वारा ऐसे वाहन के उपयोग की लागत के भुगतान पर उपलब्ध कराया जा सकता है। प्रधानमंत्री एवं अन्य राजनैतिक व्यक्ति जिन्हें उच्च श्रेणी के सुरक्षा इंतजामों की आवश्यकता होती है, को उक्त से छूट होगी। राज्य विधानसभा के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष को विधानसभा निर्वाचन के समय छूट नहीं होगी, चाहे वह अभ्यर्थी हो या नहीं हो। किसी भी काफिले में किसी भी परिस्थिति में 10 से ज्यादा वाहन नहीं होंगे। बड़े काफिले को भी 10-10 वाहनों के काफिलों में तोड़ा जाना चाहिये। नामांकन दिवस पर रिटर्निंग आफिसर के कार्यालय की 100 मीटर परिधि में केवल तीन वाहन प्रवेश कर सकेंगे।
मतदान दिवस पर वाहनों के दुरूपयोग हेतु रोकथाम
निर्वाचन लड़ रहे अभ्यर्थियों को मतदान दिवस पर निम्न प्रकार से वाहनों के उपयोग का अधिकार होगा- स्वयं के उपयोग के लिये एक वाहन सम्पूर्ण निर्वाचन क्षेत्र के लिये, निर्वाचन अभिकर्ता के उपयोग के लिये एक वाहन सम्पूर्ण निर्वाचन क्षेत्र के लिये, उसके कार्यकर्ताओं या दल के कार्यकर्ताओं के दल के लिये एक वाहन प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिये, उक्त वाहनों के परमिट जिला मजिस्ट्रेट/रिटर्निंग आफिसर द्वारा जारी करेंगे एवं उन्हें वाहन की विंड स्क्रीन पर लगाया जाना अनिवार्य होगा। वाहन से तात्पर्य केवल चार/तीन/दो पहिया वाहनों से है, जो मैकेनिकल पॉवर या अन्य किसी तरीके से चलते हों।
लाउड स्पीकर
लाउड स्पीकर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम या साउण्ड एम्प्लीफायर चाहे स्थेटिक अवस्था हो या वाहन पर लगा हो, निर्वाचन उद्देश्य से की जाने वाली आमसभाओं में रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक प्रतिबंधित होगा। उल्लंघन की दशा में सारे उपकरणों सहित ऐसा लाउड स्पीकर जप्त कर लिया जायेगा। मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधान ऐसे वाहनों पर भी लागू होंगे, जिन पर लाउड स्पीकर लगे होंगे। सभी राजनैतिक दल, अभ्यर्थी या अन्य कोई व्यक्ति जो स्थेटिक या वाहन पर लगे लाउड स्पीकर का उपयोग करना चाहेंगे तो वे आरओ एवं स्थानीय पुलिस को सूचित करेंगे। स्थेटिक या वाहन पर लगे लाउड स्पीकर को मतदान के 48 घंटे पूर्व से किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं दी जायेगी। लाउड स्पीकर द्वारा सृजित ध्वनि निर्धारित कानून/गाईड लाइन में उल्लेखित तथा अनुमत से अधिक डेसिबल की नहीं होना चाहिये।
सम्पत्ति विरूपण
शासकीय सम्पत्ति- सभी शासकीय परिसरों से सभी वॉल राइटिंग, पोस्टर, पेपर या कटआउट, होर्डिंग, बैनर, झंडे आदि निर्वाचन की घोषणा के चौबीस घंटे के अन्दर हटाये जाने चाहिये। सार्वजनिक स्थल- सभी सार्वजनिक स्थलों से सभी वॉल राइटिंग, पोस्टर, पेपर या कटआउट, होर्डिंग बैनर आदि निर्वाचन की घोषणा के 48 घंटे के अन्दर हटाये जाने चाहिये। यदि कोई सार्वजनिक स्थल पर विज्ञापनों के प्रदर्शन हेतु पूर्व से चिन्हित किया गया है तो उस पर विज्ञापन के लिये सभी राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियों को समान अवसर दिया जाना सुनिश्चित किया जाये। प्रायवेट सम्पत्ति/स्थल- प्रायवेट स्थलों से सभी अनाधिकृत राजनैतिक विज्ञापन घोषणा के 72 घंटे के भीतर हटा लिये जाना चाहिये। व्यावसायिक वाहनों पर झंडे, बैनर, स्टीकर के उपयोग की अनुमति तब तक नहीं दी जानी चाहिये, जब तक के रिटर्निंग आफिसर से वाहन की अनुमति प्राप्त न कर ली गई हो।
पेम्पलेट, पोस्टर, हैंडबिल के निर्देश
RP अधिनियम-1951 की धारा-127ए के अनुसार पेम्पलेट, पोस्टर, हैंडबिल आदि में प्रकाशक एवं मुद्रक के नाम एवं पता लिखा जाना अनिवार्य है। कोई व्यक्ति पेम्पलेट, पोस्टर का मुद्रण नहीं करेगा या मुद्रित नहीं करवायेगा, जब तक की प्रकाशक की पहचान की घोषणा उनके द्वारा हस्ताक्षरित तथा दो व्यक्ति जो उन्हें जानते हो, द्वारा सत्यापित न हो तथा जब तक कि मुद्रण के पश्चात उचित समय पर मुद्रक द्वारा दस्तावेज की एक प्रति के साथ घोषणा की एक प्रति जिला मजिस्ट्रेट को न भेज दी गई हो। कोई व्यक्ति जो उक्त नियमों का उल्लंघन करता है, वह छह माह तक कारावास या दो हजार रुपये तक के जुर्माने या दोनों से दण्डनीय होगा। निर्वाचन की घोषणा के तीन दिवस में जिला मजिस्ट्रेट उक्त घोषणा के सम्बन्ध में जिले के सभी मुद्रणालय को सूचित करेंगे। मुद्रक मुद्रित सामग्री के प्रकाशित होने के तीन दिनों के अन्दर इसकी चार प्रतियां एवं परिशिष्ट ‘ख’ तथा प्रकाशक से प्राप्त घोषणा परिशिष्ट ‘क’ प्रस्तुत करेगा। यदि किसी मुद्रित सामग्री पर प्रकाशक एवं मुद्रक के नाम एवं पता मुद्रित नहीं होगा तो एमसीएमसी ऐसी सामग्री पर आवश्यक कार्यवाही करने के लिये आरओ को सूचित करेगा।
कोई भी मंत्री किसी विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन सम्बन्धित अधिकारी को उस विधानसभा क्षेत्र के बाहर किसी स्थान, आफिस, गेस्ट हाउस में नहीं बुला सकेगा। केन्द्र या राज्य सरकार के कोई भी मंत्री शासकीय दौरे नहीं कर सकेंगे।
जिले में 1814 मतदान केन्द्र एवं 203 क्रिटिकल मतदान केन्द्र
जिले में 4 अक्टूबर की स्थिति तक मतदाता 15 लाख 36 हजार 756 है। इसमें 7 लाख 76 हजार 495 पुरूष मतदाता एवं 7 लाख 60 हजार 189 महिला मतदाता, थर्ड जेण्डर 72, बाहर के मतदाता 13, पीडब्ल्यूडी मतदाता 8896, 80+ मतदाता 26460 एवं सर्विस वोटर 1548 है। जिले में जेण्डर रेशो 979 है और ईपी रेशो 66.81 है। जिले में कुल मतदान केन्द्र 1824 और 203 क्रिटिकल मतदान केन्द्र है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-212 नागदा-खाचरौद में मतदान केन्द्रों की संख्या 271, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-213 महिदपुर में मतदान केन्द्रों की संख्या 262, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-214 तराना में मतदान केन्द्रों की संख्या 238, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-215 घट्टिया में मतदान केन्द्रों की संख्या 279, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-216 उज्जैन-उत्तर में मतदान केन्द्रों की संख्या 257, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-217 उज्जैन-दक्षिण में मतदान केन्द्रों की संख्या 285 एवं विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-218 बड़नगर में मतदान केन्द्रों की संख्या 232 है।
इसी तरह विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-212 नागदा-खाचरौद में क्रिटिकल मतदान केन्द्रों की संख्या 34, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-213 महिदपुर में क्रिटिकल मतदान केन्द्रों की संख्या 27, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-214 तराना में क्रिटिकल मतदान केन्द्रों की संख्या 27, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-215 घट्टिया में क्रिटिकल मतदान केन्द्रों की संख्या 29, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-216 उज्जैन-उत्तर में क्रिटिकल मतदान केन्द्रों की संख्या 30, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-217 उज्जैन-दक्षिण में क्रिटिकल मतदान केन्द्रों की संख्या 27 एवं विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-218 बड़नगर में क्रिटिकल मतदान केन्द्रों की संख्या 29 है।
उल्लेखनीय है कि 4 अक्टूबर तक की स्थिति में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-212 नागदा-खाचरौद में कुल मतदाता 221242, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-213 महिदपुर में कुल मतादाता 215184, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-214 तराना में कुल मतादाता 187469, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-215 घट्टिया में कुल मतादाता 222992, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-216 उज्जैन-उत्तर में कुल मतादाता 228031, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-217 उज्जैन-दक्षिण में कुल मतादाता 257739 एवं विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-218 बड़नगर में कुल मतादाता 204099 है।