उज्जैन । श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन प्रातः होने वाली श्री महाकालेश्वर भगवान जी की भस्मार्ती में वैकुण्ठ चतुर्दशी को श्री हरि विष्णुजी की भी पूजन आरती की गई।
मान्यता है कि, देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु पाताल लोक में राजा बलि के यहां विश्राम करने जाते हैं ।
उस समय पृथ्वी लोक की सत्ता भगवान देवाधिदेव महादेव के पास होती है और वैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान शिव यह सत्ता पुनः श्री विष्णु को सौंप कर कैलाश पर्वत पर तपस्या के लिए लौट जाते हैं।
इस दिवस को वैकुंठ चतुर्दशी, हरि-हर भेट भी कहते है।