भारतीय शिक्षा को स्थापित करना विद्या भारती का लक्ष्यः गोविंद जी

उज्जैन। विद्या भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री माननीय गोविंद चंद्र जी महंत ने कहा कि देश को परम वैभव की ओर ले जाने के लिए विद्या भारती संकल्पित है। विद्या भारती का लक्ष्य भारतीय शिक्षा को स्थपित करना है।
सम्राट विक्रमादित्य भवन में आय़ोजित विद्या भारती प्रचार विभाग और अभिलेखागार विभाग की दो दिवसीय संयुक्त कार्यशाला की जानकारी देते हुवे मालवा प्रांत प्रचार सयोजक श्री सुदर्शन शिशुलकर ने बताया की समापन सत्र में श्री गोविंद जी महंत ने कहा कि हम सभी जग सिरमौर बनाएं भारत के लक्ष्य को लेकर चलते हैं। इसलिए विद्या भारती के कार्यकर्ता देश को पुष्ट करने वाले, देश को आगे बढ़ाने वाले विषय मीडिया में ले जाएं। हर स्थान पर विद्यालय की स्थापना करना तो संभव नहीं है लेकिन हर मोहल्ला, हर गांव में हम विद्यालय का आदर्श स्थापित कर सकते हैं। यह आदर्श भारतीय संस्कृति और परंपरा होगा। विद्या भारती अपने विद्यालयों के माध्यम से समाज में एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। अन्य देशों के लोग भी हमारे विद्यालयों की व्यवस्था, पाठ्यक्रम, पाठ्य-पुस्तकों आदि का अवलोकन करने के लिए आ रहे हैं। समाज के प्रबुद्ध वर्ग के साथ ही समाज के आम लोगों तक हमें विद्या भारती की विशेषताओं को पहुंचाना चाहिए। विद्या भारती के कार्यकर्तांओं को समय के अनुसार चलना है। अब केवल संगठन का विस्तार नहीं बल्कि गुणवत्तापूर्ण विकास की आवश्यकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति और नेशनल क्यूरीकुलम फ्रेमवर्क में विद्या भारती की सिफारिशों को शामिल किया गया है।

श्री गोविंद जी महंत ने कार्यकर्ताओं से कहा कि विद्या भारती के कार्यों का अभिलेखीकरण करना बहुत जरूरी है। अभिलेखीकरण के साथ ही हमें अभिलेखों का आर्काइव भी बनाना चाहिए जिससे आवश्यक होने पर सामग्री उपलब्ध कराई जा सके। विद्या भारती के कार्यकर्ता के नाते में हमें समाज में सकारात्मक विचार ले जाने चाहिए। संघ के शताब्दी वर्ष को दृष्टिगत रखते हुए पांच प्रमुख विषयों पर विशेष जोर देने की अपेक्षा की गई है। इनमें सामाजिक समरसता, पर्यावरण, स्व का भाव, कुटुंब प्रबोधन और स्वच्छता शामिल है। इसलिए विद्या भारती को भी शिक्षा के संगठन होने के नाते इन विषयों पर अच्छा कंटेंट बनाना चाहिए और उसे प्रकाशित और प्रसारित करना चाहिए।

फरवरी तक पूर्ण होगा विद्या भारती की विकास यात्रा का लेखन कार्यः प्रदीप जी
विद्या भारती के अभिलेखागार विभाग के राष्ट्रीय संयोजक प्रदीप जी ने कहा कि विद्या भारती की विकास यात्रा के लेखन का कार्य आगामी फरवरी मास तक पूर्ण कर लिया जाएगा। अभिलेखागार विभाग की कार्यशाला में आए विषयों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि इस दौरान साक्षात्कार की प्रविधि, अभिलेखागार की आवश्यकता, इतिहास लेखन की प्रविधि आदि पर विशेष चर्चा की गई। इसके साथ ही आगामी कार्ययोजना तैयार की गई है। अभिलेखागार विभाग के कार्यकर्ताओं को इस कार्यशाला से जो दिशा मिली है, हम सभी को उसी के आधार पर कार्य करना है। वहीं, विद्या भारती के दक्षिण मध्य क्षेत्र के संगठन मंत्री व प्रचार विभाग के पालक सुधाकर रेड्डी जी ने कार्यशाला में आए विषयों की समीक्षा प्रस्तुत की और कार्यकर्ताओं को प्रभावी कार्ययोजना बनाकर कार्य करने का संदेश दिया।
समापन सत्र में विद्या भारती की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य ललित जी, विद्या भारती जोधपुर प्रान्त के संगठन मंत्री व प्रचार विभाग की केंद्रीय टोली के सदस्य रवि कुमार जी, विद्या भारती मालवा प्रांत के संगठन मंत्री अखिलेश जी मिश्रा आदि उपस्थित रहे। कार्यशाला में देशभर के विद्या भारती प्रचार विभाग व अभिलेखागार विभाग के 120 कार्यकर्ता शामिल रहे!