उज्जैन। समय श्रेष्ठ है, समय नहीं बदलता हम बदल जाते हैं। एक प्रसंग का संस्मरण कराते हुए दीदी माँ ने कहा चालीस वर्ष पूर्व जिस दर्पण को देख इठलाते थे, आज उसी दर्पण में चेहरा बदल गया। दर्पण वही है, रूप बदल गया, दर्पण नहीं बदला हम बदल गये। दीदी माँ ने कहा हम जिस परम्परा से जुड़े हैं वो परम्परा ज्ञान दान देने की परम्परा है। शिवहोम का डंका बजाने वाली परम्परा है। भेड़ बन गये शेर को दोबारा सिंहस्तव (शेर) याद दिलाने वाली परम्परा है। एकात्मकता के सूत्र में बांधने की परम्परा है। विराट संत सम्मेलन की मुख्य वक्ता परम पूज्य साध्वी श्री ऋतम्भरा जी ने अपनी ओजपूर्ण वाणी से सभी श्रोताओं को मन्त्रमुग्ध कर दिया। युगपुरुष महामंडलेश्वर स्वामी परमानंद जी ने आशीवर्चन देते हुए कहा कि देश के लिये मरने का अवसर तो नहीं मिला, परन्तु हमारा सौभाग्य है कि हमें देश के लिये जीने का अवसर मिला है। महामंडलेश्वर श्रीस्वामी ज्योतिमर्यानन्द गिरिजी ने कहा कि हमारे दादागुरु जी ने ही देश में अध्यात्मिक क्रांति का शंखनाद किया था, उसी परम्परा को आगे बढ़ाया हमारे गुरु युगपुरूष जी ने जो वेदना का सरलीकरण कर अंगूठा दिखा कर वेदानन्द को समझा देते हैं। दादागुरु की परम्परा के शिष्यों ने राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दिया है। रामजन्मभूमि के लिये गुरुजी के सानिध्य में सभी शिष्यों ने अपना योगदान दिया है। राजनीति का ऐसा प्रभाव की हम सभी को जातियों में बाँट दिया। समय का दसवां हिस्सा ध्यान में लगाओ मोक्ष मिल जाएगा। उमेशनाथ जी ने कहा 1992 में रामजन्मभूमि के आन्दोलन का शंखनाद उज्जैन से महामंडलेश्वर श्रीस्वामी शान्ति स्वरूपानंद गिरिजी ने किया था। पूज्य महामंडलेश्वर श्रीस्वामी परमानंद गिरि जी, पूज्य दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा जी, महामंडलेश्वर श्रीस्वामी शान्ति स्वरुपानंद गिरि जी, महामंडलेश्वर श्रीस्वामी ज्योतिमर्यानन्द गिरि जी के साथ ही मंच पर महामंडलेश्वर श्रीस्वामी अनन्त दैव गिरि, महामंडलेश्वर श्री स्वामी जगत प्रकाश त्यागी जी (चित्रकूट), श्रीस्वामी महेशानंद हरिद्वार, स्वामी वेदानन्द, साध्वी सत्यप्रिया दीदी, वृन्दावन, साध्वी चैतन्य सिंघु इन्दौर, राजा रामशरण जी जयपुर, श्री स्वामी सत्यश्रेय गिरि जी महाराज। कमलेश ब्रह्मचारी जी मानसपुष्प भगवानशरण बापू कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समिति के अध्यक्ष अशोक प्रजापत ने किया। उक्त जानकारी मीडिया प्रवक्ता राजेश करे व प्रबन्धक पं. रामलखन शर्मा ने देते हुए बताया कि 5 जनवरी को भी दीदी माँ भक्तों को संबोधित करेगीं। आज सम्मेलन में माखन सिंह, तरुण मित्तल, सुरेश आहूजा, डॉ. सत्यनारायण जटिया, संत सम्मेलन में परमानंद शर्मा, मनसुख शर्मा, सुनील उपाध्याय, जमना प्रसाद दुबे, महेन्द्र शास्त्री, गोपाल शर्मा, संजय शर्मा कमलेश पंचोली, प्रोफेसर अंजनी कुमार द्विवेदी सहित बडी़ संख्या में भक्त गण मौजूद रहे।