श्री रामकथा के चरितों एकाग्र ‘श्री लीला समारोह’ के प्रथम दिवस श्रीहनुमान लीला का सफल मंचन

उज्जैन । मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा श्रीरामकथा के चरितों पर आधारित ‘भक्तिमती शबरी’, ‘निषादराज गुह्य’ और ‘श्रीहनुमान’ लीलाएँ विशेष रूप से परिकल्पित कर तैयार कराई गई हैं । अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा दिनांक 22 जनवरी, 2024 के पूर्व इन लीला प्रस्तुतियों का मंचन प्रदेश के प्रमुख आस्था स्थलों पर कराया जाना निर्णीत हुआ है । प्रदेश सरकार का यह उद्देश्य है कि सम्पूर्ण राज्य में प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व आस्था का एक सांस्कृतिक वातावरण निर्मित हो सके । इसकी उद्दैश्य की प्रतिपूर्ति में मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन – उज्जैन के सहयोग से इन लीलाओं का समन्वय और आयोजन 11 से 13 जनवरी 2024 तक उज्जैन स्थित त्रिवेणी संग्रहालय परिसर में किया जा रहा है ।
समारोह के प्रथम दिवस श्री चन्द्रमाधव बारीक एवं साथी भोपाल के लगभग 45 कलाकारों द्वारा श्रीहनुमान लीला का मंचन संग्रहालय परिसर में हुआ जिसके अन्तर्गत श्रीहनुमान जी के जन्म से लेकर उनका भगवान श्रीराम से वन में मिलन तथा श्रीराम के आदेश पर लंका जाकर सीता सुधी लाने जैसे रोचक प्रसंगों का प्रस्तुतिकरण उपस्थित दर्शकों के मध्य हुआ । इस अवसर पर जिला प्रशासन की ओर से एल. एन. गर्ग, अनुविभागीय अधिकारी जिला – उज्जैन के द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट कर कलाकारों का सम्मान किया गया ।
कार्यक्रम के द्वितीय दिवस 12 जनवरी 2024 को भक्तिमति शबरी का मंचन सुश्री कीर्ति प्रमाणिक एवं साथी, उज्जैन के द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा । समापन दिवस में निषादराज गुह्य के प्रसंगों का प्रस्तुतिकरण संग्रहालय परिसर में होगा । तीन दिवसीय समारोह के अन्तर्गत आयोजित सभी प्रस्तुतियों में प्रवेश पूर्णतः निःशुल्क है !