श्रीराम जैसा बेटा चाहते तो पहले खुद को दशरथ बनना पड़ेगा- रसिका नंदन महाराज

उज्जैन, अयोध्या में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर के नानाखेड़ा पास चाणक्यपुरी गार्डन में श्री राम सेवा भक्त मंडल समिति के द्वारा चल रही संगीतमय श्री राम कथा के चतुर्थ दिवस में वृंदावन से पधारे परम पूज्य श्री रसिकानंदन जी महाराज ने राम जी के अनेको नेक प्रसंगों के माध्यम से लोगों को सामाजिक शिक्षा देते हुए कहा कि अगर राम जैसा बेटा चाहते हो तो तो मां बाप के लिए जरूरी है कि वह पहले दशरथ एवं कौशल्या बने क्योंकि राम हमेशा दशरथ कौशल्या के आते हैं रावण और कंस के यहाँ नही।
आज घर-घर में अगर जाकर देखो तो राम कम रावण ज्यादा मिलेंगे एक न एक शख्स घर में ऐसा जरूर होगा जिसकी बुद्धि रावण दुर्योधन से कम नहीं होगी और उसकी वजह है बाल्यापन में की गई बच्चों के प्रति नजर अंदाजगी, अगर मां-बाप बचपन में बच्चों की सही देख रेख कर ले तो बुढ़ापे में बच्चों के कर्म मां-बाप के लिए रोने का कारण नहीं बनेंगे।।
अगर आप चाहते हो आपके बच्चे कभी कोई गलत दिशा में न जाए तो हर मां-बाप को एक बात याद रखनी चाहिए कि संसार में सांसारिक वस्तुएं तो बाजार के बड़े बड़े मोल से मिल जाएगी लेकिन बच्चों में संस्कार किसी मोल से नहीं घर के माहौल से ही आएंगे !
साथ ही महाराज श्री ने राम जी के आने के अनेकों नेक कारण बतलाएं, कहा लोगों को गलतफहमी है कि श्रीराम जी रावण को मारने के लिए आए थे सच्चाई तो यह है कि राम मानव को मानवता सीखाने के लिए आए थे जो आज लोगों के अंदर से खत्म होती जा रही है भाई भाई का सगा नहीं हो रहा बेटे अपने पिता के सगे नहीं हो रहे है इन सब का एक ही कारण है इंसान इंसानियत को भूले जा रहा है, आज व्यक्ति अपने आप को उठाने के लिए दूसरों को गिराने तक के लिए तैयार हो गया है लेकिन इस संसार में किसी को गिराकर कभी कोई महान बन ही नहीं सकता महान तो वह बनता है जो गिरे हुए को उठाकर अपने गले से लगा लेता है वही है सच्चा मानव होता है। आज कन्नौज से कई श्रद्धालु कथा श्रवण करने आये। कल पंचम दिवस श्रीराम जानकी विवाह का प्रसंग होगा। बड़ी संख्या में शहरवासी कथा सुनने के लिए मौज़ूद थे।
जानकारी अमित माथुर ने दी।