उज्जैन पुलिस द्वारा नए कानून को लेकर प्रदर्शनी के रूप में कराया गया अवगत

उज्जैन, गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में माननीय मुख्यमंत्री महोदय श्री डॉ मोहन यादव द्वारा दशहरा मैदान परेड ग्राउंड पर परेड की सलामी ली जाकर ध्वजारोहण कर प्रदर्शनियों का निरीक्षण किया गया।
उक्त प्रदर्शनियों में से एक प्रदर्शनी उज्जैन पुलिस द्वारा लगाई गई जिसमे भारतीय दंड संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता का नया कानून केंद्र सरकार द्वारा तैयार उक्त प्रावधानों को प्रदर्शनी के रूप में आमजन तक पहुंचाया गया जिसमे –

1) राजद्रोह अब अपराध नहीं है। इसके बजाय भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों को नया अपराध बताया गया है।

2) आतंकवाद को एक अपराध के रूप में जोड़ा है। इसे एक ऐसे कृत्य के रूप में परिभाषित किया गया है जिसका उद्देश्य देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा या आर्थिक सुरक्षा को खतरे में डालना या लोगों में आतंक पैदा करना है।

3) अब दस्तावेजों की परिभाषा का विस्तार; अब इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड्स, ई-मेल, नेटवर्क जैसे हालात में सर्वर पर जमा डेटा या लॉग्स को भी सबूत माना जाएगा।

4) निर्दोष नागरिकों को फंसाने की प्रवृत्ति पर नकेल कसने के लिए तलाशी और जब्ती की प्रक्रिया के दौरान वीडियो रिकॉर्ड करना अनिवार्य बनाया गया।

5) घटनास्थल पर जांच और जब्ती के दौरान बिना वीडियो रिकॉर्डिंग के कोई भी चार्जशीट वैध नहीं होगी।

6)7 साल या इससे अधिक सजा वाले अपराधों के क्राइम सीन पर फॉरेंसिक टीम का दौरा अनिवार्य।

7) धारा 69 के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति शादी, रोज़गार या प्रमोशन का झूठा वादा कर महिला से यौन संबंध बनाता है तो उसे सज़ा होगी. यह सज़ा दस साल तक बढ़ाई जा सकती है और इसके साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

8) नाबालिग से गैंगरेप के मामले में मृत्युदंड भी दिया जा सकता है।

9) घटना के बाद तीन दिन के अंदर एफआईआर दर्ज करने और 14 दिन के अंदर प्रारंभिक जांच हो जानी चाहिए, इसके बाद 24 दिन के अंदर-अंदर मजिस्ट्रेट के पास रिपोर्ट पहुंचने और आरोप पत्र दाखिल करने में 180 दिनों के संबंध में बताया गया।

10) ई-एफआईआर जो महिलाएं शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन नहीं जाना चाहती हैं उनके लिए ई-एफआईआर की सुविधा उपलब्ध होगी और 24 घंटे के अंदर पुलिस खुद उनके पास पहुंच जाएगी।

11) अब पीड़ित किसी भी पुलिस स्टेशन में जाकर ज़ीरो FIR करा सकता है और FIR को 24 घंटे में संबंधित पुलिस स्टेशन को ट्रांसफर कराना होगा। इसके साथ ही हर जिले और थाने में पुलिस अधिकारी को पदनामित किया है जो गिरफ्तार लोगों की सूची बनाकर उनके संबंधियों को इन्फॉर्म करेगा।

12) ट्रायल इन एब्सेंशिया के तहत अब अपराधियों को सज़ा भी होगी और उनकी संपत्ति भी कुर्क होगी। एक तिहाई कारावास काट चुके अंडर ट्रायल कैदी के लिए जमानत का प्रावधान किया गया है।

13) उपेक्षा एवं लापारवाही द्वार मृत्यु करित करने पर 02 वर्ष से बढ़कर 05 वर्ष की सजा.

14) रेप के मामले में सजा को 07 साल से बढ़ाकर 10 साल किया गया है।