उज्जैन। कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह ने राजस्व विभाग के राजस्व अधिकारियों के विविध कार्यों की पाक्षिक बैठक लेकर निर्देश दिये कि ब्लॉकवार पटवारियों की साप्ताहिक बैठक की तिथि एवं वार निर्धारित की जाये। पटवारी प्रतिवेदन की अपेक्षा में राजस्व न्यायालय के केस लम्बित न रहे। राजस्व कोर्ट का संचालन ठीक ढंग से संचालित कर आम जन में अच्छे वातावरण का निर्माण किया जाये। राजस्व अधिकारी अपने-अपने राजस्व अनुभाग में शासन द्वारा दिये गये राजस्व वसूली के लक्ष्य की पूर्ति इसी वित्तीय वर्ष में करना सुनिश्चित करें। अधिकारी भू-अभिलेख नियमावली का अध्ययन कर नियमानुसार सौंपे गये दायित्वों का निर्वहन किया जाये। अधिकारी बेसिक काम पर अत्यधिक फोकस करें। अधिकारी तकनीकी उपकरणों के भरोसे ही न रहकर हमारा मूल कार्यों का याद होना अतिआवश्यक है।
कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह ने बी-1 से 7 खसरा खतौनी की समीक्षा कर राजस्व अधिकारियों को राजस्व के मूल कार्यों का पाठ पढ़ाते हुए निर्देश दिये कि राजस्व के नियमों का अक्षरश: अध्ययन कर उनका पालन करना सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि राजस्व अधिकारियों को भू-अभिलेख नियमावली वितरित की जाये। कलेक्टर ने कहा कि अधिकारी के कार्यों के नियम बने हैं, उनके आधार पर नियमानुसार अपना कार्य करें। सभी तहसीलदार साप्ताहिक लक्ष्य रखकर कार्य करें, ताकि शासन द्वारा सौंपे गये लक्ष्य की समय-सीमा में पूर्ति हो सके। बैठक में निर्देश दिये कि निर्धारित तिथि में की जाने वाली पटवारियों की बैठक का कार्यवाही विवरण बनाया जाये। पटवारी प्रतिवेदन की अपेक्षा में कोर्ट केस लम्बित न रहे तथा एक माह से अधिक केस किसी भी हालत में लम्बित न रहे। राजस्व न्यायालय में कोर्ट डे के दिन अधिकारी अनिवार्य रूप से अपने न्यायालय में उपस्थित रहना सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिये कि अपनी-अपनी कोर्ट का संचालन ठीक ढंग से चलायें, ताकि जनता में अपने कार्य का मेसेज ठीक जाये। अपने-अपने कार्यालयों का बेसिक कार्य व्यवस्थित होना चाहिये।
बैठक में कलेक्टर ने राजस्व अनुभागवार क्रिमिनल केसों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि इन केसों में गंभीरता से लिया जाये। कलेक्टर ने 122, 107 के प्रकरणों में अध्ययन कर ही उसका पालन सुनिश्चित किया जाये। बॉण्डओवर की सूची अपने पास होना चाहिये कि कब किस व्यक्ति को बॉण्डओवर किया है। राजस्व अनुविभागीय अधिकारी ऐसे प्रकरणों पर ध्यान देकर सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही की जाना सुनिश्चित करें। 110 में बॉण्डओवर हैं, उनको चिन्हित कर कार्यवाही की जाये। बैठक में शासकीय मन्दिरों, देवस्थानों की भूमि सम्बन्धित न्यायालयीन प्रकरणों की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि जिन मन्दिरों की जमीन है और कितनी है, इसकी समुचित एकजाई जानकारी की सूची उन्हें प्रस्तुत की जाये। बैठक में कलेक्टर ने राजस्व अनुभाग क्षेत्रों के प्राप्त प्रकरणों एवं निराकरण के प्रकरणों की समीक्षा कर सम्बन्धित अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में देवस्थानों, मन्दिरों के न्यायालयीन प्रकरण लम्बित न रहे।
बैठक में कलेक्टर ने राजस्व वसूली की प्राप्ति, भू-राजस्व निर्धारण, लम्बित ऑडिट कंडिकाएं, मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार (धारणाधिकार योजना), भू-अर्जन, लोक परिसम्पत्तियां पोर्टल पर दर्ज परिसम्पत्तियां, भू-माफिया से मुक्त कराई भूमि का आवास आवंटन में उपयोग, ताकायमी सम्बन्धी जानकारी, आपराधिक प्रकरणों में अपील सम्बन्धी प्रकरण, अनुरक्षण राशि के उपयोग की स्थिति, शासकीय मन्दिरों/देवस्थानों की भूमि सम्बन्धी न्यायालयीन प्रकरण, न्यायालयीन अवमानना के प्रकरण, शासकीय भूमि सम्बन्धित न्यायालयीन प्रकरण, राजस्व महाअभियान के विविध कार्यों, बैंक आरआरसी रिकवरी ब्रिस्क, पीएम किसान आदि बिन्दुओं पर विस्तार से समीक्षा कर सम्बन्धित राजस्व अधिकारियों को समय-सीमा में सौंपे गये लक्ष्यों की पूर्ति कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। बैठक में अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एमएस कवचे, एडीएम श्री अनुकूल जैन, जिले के समस्त एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार आदि उपस्थित थे।