उज्जैन , प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की मंशानुरूप महिला अपराधों में जमानत पर बाहर घूम रहे आदतन अपराधियों की जमानत निरस्ती की कार्रवाई का उज्जैन जिले में पहला प्रकरण पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा के नेतृत्व में नीलगंगा थाना पुलिस ने अंजाम दिया है। पाक्सो एक्ट के आरोपी सौरभ श्रीवास की जमानत विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट 2012 ) षष्ठम जिला एवं सत्र न्यायाधीश उज्जैन ने निरस्त करते हुए उसे न्यायिक निरोध में लेकर केंद्रीय जेल भैरवगढ में निरूद्ध करने के आदेश दिए है।
आरोपी को आरक्षी केंद्र नीलगंगा, जिला उज्जैन के अपराध कमांक 671/2023 अंतर्गत धारा 354, 354-घ, 506 भा.दं.वि. एवं धारा 7 सहपठित धारा 8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में न्यायालय द्वारा आरोपी सौरभ श्रीवास की ओर से प्रस्तुत जमानत आवेदन क्रमांक 6/2024 आदेश दिनांक 05.01.2024 अनुसार स्वीकार कर शर्तों के अधीन तीस हजार रूपये की जमानत एवं इतनी ही राशि का बंधपत्र प्रस्तुत किये जाने पर उसे नियमित जमानत का लाभ दिया गया था। जमानत मिलने के उपरांत आरोपी बार बार पीड़ित एवं उसके परिवार को धमका रहा था। इसे लेकर नीलगंगा थाना पुलिस ने पीड़िता की मां की शिकायत पर प्रकरण दर्ज किए थे।
इस मामले में पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा के निर्देशानुसार आरक्षी केंद्र नीलगंगा की और से न्यायालय में आरोपी को प्रदान की गई जमानत निरस्त किए जाने का निवेदन किया था। जमानत निरस्ती संबंधी आवेदन पर माननीय श्रीमती कीर्ति कश्यप विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट 2012 ) षष्ठम जिला एवं सत्र न्यायाधीश उज्जैन ने दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए गुण-दोष के आधार पर जमानत निरस्ती का आदेश दिया है। थाना नीलगंगा की और से आरोपी के विरूद्ध दिए गए प्रतिवेदन में स्पष्ट किया गया कि अभियुक्त के विरुद्ध जिला बदर की कार्यवाही की गई। दो प्रतिबंधात्मक कार्यवाही भी की गई है। उसके उपरांत भी आरोपी प्रार्थी पक्ष को बराबर डरा धमका रहा है। आरोपी सौरभ श्रीवास द्वारा इस न्यायालय के जमानत आदेश दिनांक 05.01.2024 में अधिरोपित शर्तों का उल्लंघन किया गया है। थाना नीलगंगा की और स प्रस्तुत प्रतिवेदन एवं आरोपी सौरभ श्रीवास के आपराधिक रिकार्ड के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि आरोपी सौरभ श्रीवास के विरूद्ध थाना नीलगंगा में अपराध 415 636/05.09.2016, 374/19.05 2018, 627/18 35/14.01.2019, 09.2018, 663/09.09.2020, 314/15.05.2020, 210/12.04,694/01.10.2020,2022, 564 / 14.10.2022, 653/03.12.2023 पंजीबद्ध होकर अभियोग पत्र प्रस्तुत किये गये हैं, जिनमें से अधिकांशतः पंजीबद्ध अपराध गाली गलोच, मारपीट, धमकी अडीबाजी इत्यादि के हैं तथा एक मामला धारा 25 आर्म्स एक्ट एवं दो मामले धारा 34-2 आबकारी अधिनियम के तहत विचाराधीन हैं।