आम जन तक पहुंचाएं नए स्वरूप में लागू किए गए कानून: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

उज्जैन, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की पहल से देश में गुलामी की निशानियों को समाप्त करने के लिए विभिन्न कार्य हो रहे हैं। इस क्रम में एक जुलाई से देश में अनेक कानून नये स्वरूप में लागू होंगे। दंड के स्थान पर न्याय का महत्व बढ़े और भारतीय नागरिकों को संविधान में प्रदत्त अधिकारों की रक्षा हो सके, इस चिंतन से तीन विधेयक निरस्त कर नए दंडनीय विधेयक लाए गए हैं। आम जन तक इनकी जानकारी पहुंचाने के सभी प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज वी़डियों कान्फ्रेंस द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टर्स, कमिश्नर्स, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।

प्रशासनिक संकुल भवन उज्जैन स्थित एनआईसी कक्ष से संभागायुक्त उज्जैन श्री संजय गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक श्री संतोष कुमार सिंह, वन संरक्षक वृत उज्जैन श्री एम आर बघेल, डीआईजी श्री नवनीत भसीन, कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह, एसपी श्री प्रदीप शर्मा , डीएफओ डॉ किरण बिसेन, सीईओ जिला पंचायत श्री मृणाल मीना, आयुक्त नगर निगम श्री आशीष पाठक सहित अन्य अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अंग्रेजों के समय से चले आ रहे ऐसे विधेयक और अधिनिय़म में भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (1898), 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 शामिल हैं। भारतीय दंड संहिता 1860 को भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा। दंड प्रक्रिया संहिता 1898 को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा। इसी तरह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 को भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है।

 


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आमजन को विभिन्न सेमीनार और वेबीनार के माध्यम से भी इन कानूनों की जानकारी प्रदान की जाए। अभियान संचालित कर इन्हें प्रचारित किया जाए।
वीडियो कांफ्रेंस में पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर कुमार सक्सेना ने बताया कि प्रदेश के सभी 982 थानों में नए कानूनों की जानकारी देने के लिए विशेष कार्यक्रम भी एक जुलाई को हो रहे हैं। पुलिस कर्मियों को इनका विस्तृत विवरण प्रदान किया गया है। पूर्व में नए कानूनों से संबंधित प्रदर्शनियां भी लगाई गई हैं।
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