रफी के तरानों से झूम उठा संकुल हॉल

उज्जैन। चराग दिल का, इशारों इशारों में, रिमझिम के गीत, आवाज मैं न दूंगा, पर्दा हैं पर्दा जैसे नगमों से संकुल में श्रोता झूम उठे। अवसर था रफी जन्म शताब्दी वर्ष पर स्वरांजली द्वारा आयोजित गीतों का गुलदस्ता कार्यक्रम का।
संस्था अध्यक्ष राजेश जोशी ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आनंद बांगड़ थे। अतिथि थे जगदीश चंद्र तिवारी पूजनीय संत और अध्यक्ष उमेश भट्ट आनंद। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। कार्यक्रम में महेश मोयल को रफी जन्म शताब्दी वर्ष का रफी कला सम्मान प्रदान किया गया और शैलेन्द्र व्यास घोटू गुरु को लाईफ टाईम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किये। कार्यक्रम का संचालन नितिन पोल और वर्षा कमलाकर ने किया। कार्यक्रम में शंभू बिलावल, चंद्रकांत नामजोशी और सूर्यकांत बुरहानपुर कर ने इंस्र्ट्मेंटल प्रस्तुति दी। संस्था के कलाकार राधा मेहता, राजेश जोशी, विनय गुप्ता, लखन जागीरदार, संजय गंधे, ममता शर्मा, वृषाली कुलकर्णी, माधुरी मेहता, भालचंद्र कुलकर्णी, भारती कुलकर्णी, वंदना दुबे, विकास सहस्त्रबुद्धे, अर्पिता कमलाकर, प्रेरणा सोहनी, राजेश सोहनी, बीएम खंडेलवाल, अमल कुमार बिडवई ,सुप्रिया बोथरा, अनिता जोशी ने अपनी सुमधुर आवाज में कार्यक्रम में गीतों की प्रस्तुति दी।