उज्जैन / बाबा महाकाल की दूसरी सवारी में छिंदवाड़ा और डिंडोरी जिले के जनजाति कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई।
छिंदवाड़ा से आए कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा कुर्ता,धोती और पगड़ी पहनकर पिंकी, ढोल आदि वाद्ययंत्रों पर भड़म नृत्य की आकषर्क प्रस्तुतियां दीं। वहीं डिंडोरी जिले के जनजातीय कलाकारों ने थिसकी, बासुरी, मादर, टिमकी आदि वाद्य यंत्रों पर कर्मा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां ने सवारी में समां बांधा।
कर्मा नृत्य में पुरुषों ने हवाल, छीनन्द्री,झंगा ,जैकेट कलगी और महिलाओ ने मुंगी, फरिया, बिरंन माला, करदन, टिसकी पहनी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ यादव की मंशानुरूप बाबा महाकाल की सवारियों में प्रदेश के विभिन्न जनजातीय जिलों के जनजातीय कलाकारों का समूह शामिल हो रहा हैं।