उमा सांझी महोत्सव के द्वितीय दिवस सायं आरती के पश्यात सांस्कृतिक कार्यकर्मो का आयोजन किया गया

उज्जैन । श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी “उमा सांझी महोत्सव 2024” के आयोजन के द्वितीय दिवस दोपहर 02 बजे चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया| चित्रकला प्रतियोगिता दो वर्गों में आयोजित की गई!

जिसमे कनिष्ठ वर्ग (कक्षा 01 से 07) में प्रथम पुरस्कार श्री आदित्यनारायन नायक, द्वतीय पुरस्कार श्री वेदांत शोभाकार व् तृतीय पुरस्कार कु. चाहत गोयल ने प्राप्त किया!

इसी प्रकार वरिष्ठ वर्ग में (कक्षा 08 से 12) मे प्रथम पुरस्कार कु. एकता सिंह, द्वितीय पुरस्कार कु. स्तुति पांडे व् तृतीय पुरस्कार कु. मनस्वी शोभाकार ने प्राप्त किया!

श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी श्री भारत शर्मा ने निर्णायक के रूप में उपस्तिथ थे!

सायं 05 बजे ग्वालियर से पधारे श्री समर्थ बालकृष्ण धोलीबुवा जी द्वारा नारदीय कीर्तन हुवा, सभा मंडप में प्राचीन शिला पर “रंग महल” की रंगोली बनायी गई, जिसको श्री सत्यनारायण जोशी, श्री मुकेश शर्मा, श्री भूषण व्यास, श्री सुभाष शर्मा, श्री संदीप शर्मा, नवनीत शर्मा, श्री रूपम शर्मा, श्री गोपाल शर्मा, श्री अक्षय शर्मा, श्री अनंतनारायण शर्मा आदि द्वारा रंगोली का निर्माण किया गया!

साथ में कोटितीर्थ कुंड में नौका विहार की झाकी में श्री जटाशंकर , सभामंड़प में सिहासन में श्री उमा- महेश, श्री होलकर मुखोटा आदि की झाकी सजायी गई |

सभामंडप में सायं 05 से 06 बजे तक ग्वालियर से पधारे श्री समर्थ बालकृष्ण धोलीबुवा जी द्वारा सभामंड़प में नारदीय कीर्तन किया |

उमा सांझी महोत्सव 2024 दिनांक 28 सितम्बर से 02 अक्टूबर 2024 तक मनाया जाएगा। 04 अक्टूबर 2024 को श्री उमामाता जी की सवारी के साथ महोत्सव का समापन होगा |

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी “उमा सांझी महोत्सव 2024” के दौरान सांस्कृतिक कार्यकर्मो का आयोजन किया जाता है, जिसमे प्रतिदिन सायं श्री महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासनिक कार्यालय के सामने फेसिलिटी की छत पर लोक संगीत व् लोक नृत्य पर आधारित सांस्कृतिक कार्यकर्मो का आयोजन किया जा रहा है |

इसी क्रम में द्वितीय दिवस दिनांक 29 सितम्बर 2024 को *प्रथम प्रस्तुति में मालवी लोकगीत भजन मंडल ग्राम झोंकर जिला शाजापुर के द्वारा मालवी लोक शैली में लोक गीत भजन की प्रस्तुति दी गई |* जिसमे गणेश वंदना पालणा में झुला झुले गजानंद के बाद, संझा गीत की प्रस्तुति दी गई | उसके बाद शिव भजनभोले बाबा ने डमरू बजाया पर्वत पर शोर मचाया….., पारंपरिक लोकगीत कुआं पाणी भरवा जंऊ रे नजर लग जाए, नजर लग जाय रे हवा लगी जाय…, कबीर लोक भजन जरा धिरे धिरे गाड़ी हांको मेरे राम गाड़ी वाले……के साथ प्रस्तुति का समापन किया गया | आपके साथ श्रीं दिनेश कुमार सह-गायक, श्री राजेश धौलपुरे सहगायक, श्री आदर्श धौलपुरे खंजरी वादक, श्री आदित्य धौलपुरे मंजीरा वादक, श्री अशोक सिलोदिया हारमोनियम वादक, श्री बाबूलाल राजोरिया करताल वादक श्री मनोहर मोबिया करताल वादक ने संगत की |

*द्वितीय प्रस्तुति उज्जैन की ईशानी भट्ट के एकल नृत्य की हुई |* सुश्री ईशानी द्वारा सर्व प्रथम गणेश वंदना सिन्दुर लाल चणायो….की प्रस्तुति दी गई | उसके पश्यात शिव शक्ती की आराधना अर्धाग शिव पर्वती जी के अर्धनारेश्वर रुप का वर्णन नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत करने के बाद कालिका माता की स्तुती चटके चुमङली व मालवी लोकनृत्य की प्रस्तुती दी | प्रस्तुति का समापन झोगवा (ललाटी भन्डार) से किया |

*उमा सांझी महोत्सव 2024 के द्वितीय दिवस की अंतिम प्रस्तुति नृत्यसिद्धा कथक अकादमी द्वारा श्रीमती रितु शुक्ला के निर्देशन में दी गई।*

उमा सांझी महोत्सव में महाकाल प्राकट्य कथा और द्वादश ज्योतिर्लिंगों में भूतभावन महाकाल की ही भस्मारती क्यों प्रश्न को सजीवता से कथक शैली में बतौर फ्यूजन मंचित किया।

महाकाल की गाथा ने सभी दर्शकों को आस्था का शिखर छुआ तो एक नई आस्तिक ऊर्जा भी संचारित कर सर्वप्रथम नन्हें साधकों द्वारा शुद्ध कथक शैली में गणेश वंदना प्रस्तुत की।उसके उपरांत शिव वंदना प्रस्तुत की ।

अंत में नृत्य सिद्धा कथक अकादमी की निर्देशिका सुश्री रितु शुक्ला द्वारा निर्देशित कथक नृत्य नाटिका कथक और रंगकर्म के फ्यूजन से रची अवंतिका के महाकाल की प्रस्तुति हुई |

जिसमे दूषण के अत्याचार से दुःखी आस्थावानों की रक्षा के लिए महाकाल के प्राकट्य को गीत-संगीत व कथा के संवादो को जीवंत किया। इस नृत्य नाटिका में शिव स्वरूप में कु. महिमा सुमन एवम असुर दूषण कु.अवनि जोशी के प्रभावी नृत्य अभिनय ने खूब रोमांचित किया। वेदपति शीमून जोशी का अभिनय और संवादों ने मंच के केनवास पर कथाभिनय की नई आकृति उकेरी जो उपस्थितों को बेहद पसंद आई। वेदपाठी पुत्र भूमिका में कु. स्वरा पाठक, कु.सानवी खेमानी ने खूब मोहा। नृत्य दल कु.कृतिका शर्मा, कु.हर्षिता मुछाल, कु. हर्षिता शर्मा, कु.आर्या जोशी, कु.भाविका गोस्वामी, कु. ऐश्वर्या मालवीय और कु.अदिति उलहारे भी अपने किरदारों में कथक शैली के साथ प्रिय लगे। सूत्रधार की भूमिका निर्वहन कु. उदिता ने किया। यहीं गणेश वंदना की प्रस्तुति नन्हे साधकों कु.अलीशा ठाकुर , कु.ध्रुविका सक्सेना, कु.वंशिका, कु.ओमिका एवं कु.चेतन्या मालवीय ने दी।

कार्यक्रम के प्रारंभ में श्री महाकालेश्वर भगवान के समक्ष दीपप्रज्ज्वलन से किया गया | दीपप्रज्ज्वलन के उपरांत मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री आर.के. तिवारी द्वारा प्रस्तुति देने वाले कलाकारो का सम्मान किया गया |

*दिनांक 30 सितम्बर 2024 को उज्जैन आनंद क्लब द्वारा भजनों की प्रस्तुति, इंदौर की जयत्रा दवे के एकल कथक व् उज्जैन की आरम्भ कथक नृत्य पाठशाला के समुह लोक नृत्य की प्रस्तुति होगी |*

साथ ही *दोपहर 02 बजे दो वर्गों में जिसमे कनिष्ठ वर्ग (कक्षा 01 से 07) एवं वरिष्ठ वर्ग में (कक्षा 08 से 12) श्लोक पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है |