उज्जैन । श्री महाकालेश्वर मंदिर में सृष्टि के सृजनकर्ता भगवान शिव एवं उमा का पुरूष एवं प्रकृति का उत्सव उमासांझी के रूप में मनाया गया।
इस दौरान मंदिर परिवार के पुजारी, पुरोहितगणो द्वारा प्राचीन सांझी की शिला पर प्रतिदिन रंगोली से संजा का निर्माण किया गया एवं भगवान श्री महाकालेश्वर जी के विभिन्न स्वरूपों की झांकी सजायी गई।
सायंकाल में मंदिर प्रांगण में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों व शालेय विद्यार्थियों हेतु प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया।
पंच दिवसीय उमासाँझी महोत्सव के पश्चात अश्विन शुक्ल द्वितीया (चन्द्र दर्शन) को परम्परानुसार 04 अक्टूबर 2024 को उमामाता जी की सवारी निकाली जाएगी। जो सायं 04:00 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप पूजन पश्चात श्री महाकाल चौराहा, महाकाल घाटी, तोपखाना, दौलतगंज चौराहा, नईसड़क, कंठाल, सराफा, छत्रीचौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा, बक्षीबाजार, कार्तिक चौक एवं मोढ़ की धर्मशाला, रामानुज कोट होते हुए माँ क्षिप्रा के तट पर पहुँचेगी । माँ क्षिप्रा के तट रामघाट पर जवारे, संजा विसर्जन एवं पूजन के पश्चात् श्री उमामाता जी की सवारी कहारवाड़ी, बक्षी बाजार एवं महाकाल रोड़ होते हुए श्री महाकालेश्वर मन्दिर वापस आयेगी।
सवारी श्री उमा माता पालकी में रजत का विग्रह, डोल रथ पर गरूड़ पर श्री माताजी की प्रतिमा तथा भगवान श्री महेश विराजित होकर निकलेंगे |