राम के नाम से नफरत है ये समझ लेना तेरे बंगाल को लाहौर ना बनने देंगे, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन

उज्जैन। शहीद पार्क के अभिव्यक्ति मंच पर सवैया सम्राट दूले सिंह सिकरवार की स्मृति में यादगार अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। कवियों ने देर रात तक श्रोताओं को अपनी कविता के मोहपाश में बांधे रखा। खास बात यह रही कि इस कवि सम्मेलन में किसी भी कवि ने अपने रचना पाठ में चुटकुलों का प्रयोग नहीं किया। पत्रकारिता और काव्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए देश के लोकप्रिय आशु कवि नरेंद्र सिंह अकेला को उनकी बहुमुखी प्रतिभा के लिए दूले सिंह सिकरवार सम्मान से सम्मानित किया गया। शॉल श्रीफल और 25 हजार की सम्मान निधि भेंट की गई। यह जानकारी दुले सिंह सिकरवार स्मृति मंच के संयोजक श्याम सिंह सिकरवार
ने बताया कि श्री राजेश सिंह कुशवाह की अध्यक्षता में सम्पन्न कवि सम्मेलन में अतिथि कलावती यादव सभापति नगर निगम,कलेक्टर नीरज सिंह ,एसपी प्रदीप शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार एवं संपादक
राजेंद्र आगाल, पूर्व आईजी डॉ. रमन सिंह सिकरवार, क्षेत्रीय पार्षद नीलम कालरा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत मंच की और से राम सिंह सिकरवार,राजेश सिंह सिकरवार, उमेश सिंह सिकरवार, युवराज सिंह सिकरवार, अशोक चौहान,बलवीर पंवार, राजवीर तोमर, श्रीमती कृष्णा सिकरवार, श्रीमती आराधना सिकरवार, श्रीमती मंजू सिकरवार, श्रीमती कृपाली बिशेन आदि ने किया।
कवि सम्मेलन में फिरोजाबाद के पूर्व सांसद ओमपाल सिंह निडर ने एक घंटे तक देश के हालात और भविष्य को रेखांकित करते हुए शानदार धनाक्षरी छंद सुनाए। मैनपुरी के ओजस्वी कवि राम भदावर ने युवा शक्ति को जगाने के लिए ओज का रसपान कराया। देश को कमजोर करने वाली ताकतों को उन्होंने कविता के माध्यम से चुनौती दी। प्रयागराज के व्यंग्यकार नजर इलाहाबादी ने खूब गुदगुदाया। पश्चिम बंगाल के डॉ. कर्ण सिंह जैन ने छंदों से अपना रंग जमाया। नरेंद्र सिंह अकेला ने उन्हें बंगाल के लिए चार पंक्ति समर्पित करते हुए कहा कि यह पंक्तियां वहां तक जरूर पहुंचे। उन्होंने कहा, राजनीति में भी सिरमौर न बनने देंगे, देश में और कोई ठोर न बनने देंगे, राम के नाम से नफरत है ये समझ लेना, तेरे बंगाल को लाहौर न बनने देंगे। इस मुक्तक पर श्रोताओं ने करतल ध्वनि से स्वागत किया। रईस पानबिहारी ने अपने अशआरों और तरन्नुम से माहौल को शायरीमय बना दिया। गुजरात भुज से आईं मोनिका हठीला ने श्ऱृंगार रस में डूब कर श्रोताओं को भी श्रृंगार रस में डुबोए रखा। प्रतापगढ़ के हरीश हंगामा ने यथानाम तथागुण के अनुसार हास्य की फुलझडिय़ां बिखेर कर अपना रंग जमाया।
उज्जैन के व्यंग्यकार दिनेश दिग्गज ने हास्य का तानाबुना बुनते हुए श्रोताओं से ठहाके लगवाए। कवि सम्मेलन के संचालक सतीश सागर ने पैरोड़ी और मुक्तकों से कवि सम्मेलन को ऊंचाई प्रदान की। श्याम सिंंह सिकरवार ने आगे बताया कि मप्र शासन संस्कृति विभाग के सौजन्य से आयोजित कवि सम्मेलन में राजेश सिंह कुशवाह ने आभार व्यक्त किया। कवि सम्मेलन में नरेश शर्मा,संजीव सिंह, बलवंत सिंह, अमय सिंह ठाकुर, शिवम बैस, संजय ठाकुर, सेजमल कछवाय, निरुक्त भार्गव सहित बड़ी संख्या में श्रोतागण मौजूद थे।