होमगार्ड-एसडीईआरएफ के जल आपदा मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुभारंभ डॉ. मोहन यादव, माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन द्वारा किया गया

उज्जैन,सिंहस्थ-2028 को भव्य, आपदा मुक्त और श्रद्धालुओं के लिये सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से होमगार्ड/एसडीईआरएफ विभाग के द्वारा सैनिकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार करने के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ पुलिस लाईन स्थित तालाब पर माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के द्वारा किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सिंहस्थ-2028 के सफल आयोजन हेतु चलाया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से मास्टर ट्रेनरों के द्वारा होमगार्ड / एसडीईआरएफ के सैनिकों के अलावा सिविल डिफेन्स वॉलेन्टियर्स, निजी तैराक दल और आपदा मित्रों को भी प्रशिक्षित किया जावेगा।

सर्वप्रथम माननीय मुख्यमंत्री महोदय के आगमन पर संभागीय सेनानी उज्जैन, श्री रोहिताश पाठक एवं डिस्ट्रिक्ट कमाण्डेन्ट होमगार्ड / एसडीईआरएफ श्री संतोष कुमार जाट द्वारा मुख्यमंत्री महोदय को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया, तत्पश्चात माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने फीता काट कर, हरी झंडी दिखाकर इस मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया, इस मौके पर होमगार्ड/एसडीईआरएफ विभाग ने अत्याधुनिक आपदा बचाव उपकरणों की प्रर्दशनी लगाई। प्रर्दशनी में सुसज्जित उपकरणों को माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने स्वयं चलाकर देखा और इसकी उपयोगिता को समझकर उपकरणों की कार्यविधि को जाना। इस मौके पर प्लाटून कमाण्डर श्रीमती रूबी यादव, प्लाटून कमाण्डर श्रीमती शीला चौधरी, प्लाटून कमाण्डर सुश्री हेमलता पाटीदार, प्लाटून कमाण्डर सुश्री गायत्री वर्मा, प्लाटून कमाण्डर सुश्री वीना कौशल सहित होमगार्ड / एसडीईआरएफ के जवान भी उपस्थित रहे।

होमगार्ड/एसडीईआरएफ के जवानों एवं आपदा मित्रों द्वारा डीपडायविंग (स्कूबा डायविंग), गोताखोरी, तैराकी एवं बोट हेण्डलिंग का तालाब में प्रर्दशन किया। जिसमें गोताखोर 20 फिट नीचे तालाब, की गहराई में गये। बोट हेण्डलिंग के अन्तर्गत एक नाविक को किस प्रकार तेज बहाव वगहरे पानीं में बोट चलानी चाहिये इसका प्रर्दशन भी मुख्यमंत्री जी के समक्ष होमगार्ड / एसडीईआरएफ के जवानों द्वारा किया गया। आगामी सिंहस्थ-2028 और अधिक भव्य और बडे स्तर पर आयोजित किया जाना है, जिस हेतु आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत होमगार्ड / एसडीईआरएफ जवान, सिविल डिफेन्स वॉलेन्टियर्स, निजी तैराक दल, आपदा मित्र सहित लगभग 18000 का बल आपदा मुक्त सिंहस्थ संपन्न कराने के लिये तैनात किया जावेगा, जो जल आपदा, भगदड, आंधी, तूफान, व किसी भी प्रकार की आकस्मिक आपदाजनित परिस्थितियों से निपटने हेतु अत्याधुनिक राहत बचाव उपकरणों के साथ तैनात रहेगा।

इन सभी 18000 जवानों को दिये जाने वाला यह प्रशिक्षण आगामी 02 वर्षों तक निरंतर जारी रहेगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 1100 बोट हेण्डलर (नाविक), 250 डीपडायवर्स (गोताखोर), 4500 कुशल तैराक, 400 फायर फाईटर, 400 कोलेप्स स्ट्रक्चर सर्च एण्ड रेस्क्यूअर (सी.एस.एस. आर.), 600 फर्स्ट एड एवं सीपीआर विशेषज्ञ, 300 स्नेक कैचर, 300 हाईराइज रोप रेस्क्यूअर, 1200 आंधी, तूफान, भगदड व अन्य आकस्मिक आपदा परिस्थितियों से निपटने हेतु स्पेशल टीम तैयार की जावेगी।