शहीदी पर्व पर दो दिवसीय कार्यक्रम 21 एवं 22 दिसंबर का आयोजन गुरुद्वारा साहिब माता गुजरी में

उज्जैन,गुरुद्वारा साहिब माता गुजरी के अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह चावला ने बताया कि धर्म रक्षक चार साहिबजादे ,माता गुजरी जी के शहीदी पर्व के अवसर पर दो दिवसीय कार्यक्रम दिनांक 21 एवं 22 दिसंबर को गुरुद्वारा साहिब माता गुजरी जी में श्रद्धा एवं समर्पण भाव से मनाया जाएगा l इस अवसर पर भाई गुर फतेह सिंह जी शांत (दिल्ली वाले) गुरबाणी, शबद कीर्तन , कथा विचार का आयोजन किया जा रहा है!

21 दिसंबर को प्रातः 8:30 बजे अखंड पाठ की समाप्ति एवं 9:00 बजे निशान साहिब की सेवा होगी एवं शाम को 6:30 बजे से लेकर 7:30 बजे तक रहीरास साहब का पाठ होगा एवं कीर्तन स्थानीय जत्थे द्वारा किया जाएगा l शाम को 7:30 से 9:45 बजे तक भाई गुर फतेह सिंह जी शांत दिल्ली वाले द्वारा गुरबाणी कीर्तन किया जाएगा एवं समाप्ति के उपरांत गुरु जी का टूट लंगर का वितरण होगा!

22 दिसंबर को प्रातः 10:00 बजे से लेकर 11:30 बजे तक स्थानीय जत्थे द्वारा कीर्तन किया जाएगा एवं प्रातः 11:30 से लेकर 2:00 बजे तक भाई गुर फतेह सिंह जी शांत (दिल्ली वाले) गुरबाणी, शबद कीर्तन , कथा विचार का आयोजन किया जा रहा है l शहीदी जोड़ मेला एवं बच्चों की गुरमत प्रतियोगिताएं का आयोजन भी किया जा रहा है 15 दिसंबर को शाम को 4:00 बजे से प्रतियोगिता आयोजित किया जा रहा है एवं पुरस्कार वितरण 21 दिसंबर को रात के दीवान में होगा l
जत्थेदार सुरेंद्र सिंह अरोरा ने बताया कि सिखों के दसवें गुरु साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंघ जी महाराज ने धर्म और देश की रक्षा के लिए केवल एक सप्ताह में ही अपने अनेक सिखों सहित पूरे परिवार का बलिदान कर दिया था। 21 दिसंबर 2023 से लेकर 28 दिसंबर तक का सप्ताह वही सप्ताह है जब यह बलिदानों की श्रृंखला चली । सिख समाज के संभागीय प्रवक्ता एस एस नारंग ने बताया कि सिख धर्म के दसवे गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी के दोनों बडे साहिबजादे चमकोर की जंग में जूझते हुए शहादत प्राप्त कर गए l सरहिंद में दोनों छोटे साहिबजादो को दीवारों में जिंदा चीनकर शहीद कर दिया गया और माता गुजरी जी ठंडे बुर्ज में शहादत पा गए l दोनों छोटे साहिबजादो की शहादत उम्र के तकाजे से शहादत बा -कमाल एवं बेमिसाल थी l शत्रु भांति भांति प्रकार के लालच ,बहकावे आदि देखकर थक गए परंतु उनके हौसले फिर भी बुलंद रहे l
एस एस नारंग ने बताया कि गुरु जी के साहिबजादो ने यह साबित कर दिखाया कि जिंदगी में बड़े कीर्तिमान स्थापित करने के लिए लंबी आयु की नहीं बल्कि जज्बे एवं दृढ़ इरादे की आवश्यकता होती हैl गुरु जी के चारों साहिबजादो ने जबर ,जुल्म तथा अन्याय के विरुद्ध सत्य धर्म की आवाज बुलंद करते हुए जालिमों के आगे झुकने की बजाय अपना जान न्योछावर करने वाले मार्ग को चुना l
सुरेंद्र सिंह अरोरा ,संरक्षक इकबाल सिंह गांधी,दलजीत सिंह अरोड़ा, चरणजीत सिंह कालरा, बाबा त्रिलोचन सिंह सरपंच ,एस एस नारंग, आत्मा सिंह विग, राजा कालरा, सुरजीत सिंह डंग, जसविंदर सिंह ठकराल, प्रधान ग्रंथि सुरजीत सिंह ,महेंद्पाल सिंह विग ने समूह संगत से पूर्ण श्रद्धा एवं समर्पण के साथ मनाने का निवेदन किया है!