उज्जैन । प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुरूप इस वर्ष म्र.प्र. शासन , संस्कृति विभाग और महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसमें विश्व गीता प्रतिष्ठानम, त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय और इस्कॉन के द्वारा भी आवश्यक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को 5172 वीं गीता जयंती के अवसर पर 5108 लोगों के द्वारा कालिदास अकादमी परिसर में सामूहिक गीता पाठ किया गया। इस दौरान मंच पर महंत श्री रंगनाथाचार्य जी महाराज, महामण्डलेश्वर श्री शांतिस्वरूपानंद जी महाराज, संस्कृत विश्वविघालय के कुलपति डॉ. विजय कुमार सी.जी, वेदपाठी बटुक, संभागायुक्त श्री संजय गुप्ता एवं उनकी धर्मपत्नी, कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह, महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ के निदेशक श्री राम तिवारी, कालिदास संस्कृत अकादमी के निदेशक श्री गोविद गन्धे एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
सामूहिक गीता पाठ कार्यक्रम में जिले के 54 स्कूलों के विद्यार्थी, विभिन्न आश्रमों के वेदपाठी, संस्कृत महाविद्यालय के विद्यार्थी शामिल हुए। सभी के द्वारा श्रीमद् भगवद गीता के विनियोग, न्यास, ध्यान, माहात्म्य सहित 11वें, 12वें और 15वें मूल अघ्याय का पाठ किया गया। गीता पाठ विश्व गीता प्रतिष्ठानम के श्री ओम नम्र, श्रीमति पूजा मनमोहन उपाघ्याय और श्रीमति सुषमा अग्रवाल के द्वारा करवाया गया। गीता पाठ के समापन पर सभी विद्यार्थियों को यह संकल्प दिलवाया गया कि वे प्रतिदिन गीता का पाठ अवश्य करेगें। कार्यक्रम में जानकारी दी गई की भगवदगीता के पाठ से वातावरण शुद्ध होता है। इसका उद्गम स्वंय भगवान श्रीकृष्ण के श्री मुख से हुआ है। इसमें ज्ञान है, जीवन दर्शन का सार निहित है तथा जीवन की कई समस्याओं का समाधान प्राप्त होता है। आज के आयोजन से सभी लोग प्रतिदिन भगवत गीता का पाठ करने के लिए प्रेरित होंगे।