उज्जैन, गुरुद्वारा साहिब श्री गुरु सिंग सभा प्रबंधक कमेटी दूध तलाई के अध्यक्ष दलजीत सिंह अरोड़ा एवं सतनाम सिंह गांधी ने बताया कि 2 दिवसीय कार्यक्रम 5 एवं 6 जनवरी को गुरुद्वारा साहिब श्री गुरु सिंग सभा दूध तलाई मैं आयोजित होगा l दिनांक 5 जनवरी को सभी प्रभात फेरियो का मिलन चामुंडा माता चौराहे पर प्रातः 6:00 बजे होगा सभी प्रभात फेरिया एकत्रित होकर गुरुद्वारा दूध तलाई पहुंचेगी जहां पर 6:30 बजे सभी गुरुद्वारो की प्रभात फेरियो का स्वागत किया जाएगा एवं निशान साहिब की सेवा सवेरे 7:00 होगी l 5 जनवरी को. रात्रि के दीवान में 9:00 बजे से लेकर 12:30 तक गुरबाणी कीर्तन एवं कथा विचार भाई साहब अमनदीप सिंघ जी अमृतसर साहिब वाले, भाई साहब हरभजन सिंघ जी खालसा श्री आनंदपुर साहिब वाले एवं भाई साहब सुरजीत सिंह जी हेड ग्रंथि गुरुद्वारा साहिब श्री गुरु नानक घाट उज्जैन द्वारा किया जाएगा l
6 जनवरी को सवेरे 9:00 बजे अखंड पाठ साहिब की समाप्ति होगी तदुपरांत 10:00 बजे से लेकर दोपहर 2:00 बजे तक गुरबाणी कीर्तन एवं कथा विचार किया जाएगा एवं लंगर की सेवा होगी एवं 2:00 बजे से नगर कीर्तन गुरुद्वारा साहिब दूध तलाई से प्रारंभ होकर इंदौर गेट, दौलतगंज
,मालीपुरा ,देवास गेट ,चामुंडा माता चौराहा ,टावर चौराहा ,शहीद पार्क, गुरु नानक मार्केट ,माधव नगर हॉस्पिटल से होते हुए गुरुद्वारा साहिब सुख सागर फ्रीगंज पर समाप्त एवं वहां पर गुरु जी के अटूट लंगर की सेवा होगी l
सुरेंद्र सिंह अरोरा ने बताया कि श्री गुरु गोबिंद सिंघ जी खालसा पंथ के संस्थापक थे, मानवता के रक्षक, संत-सिपाही, महान क्रांतिकारी,उच्च कोटि के विद्वान , महान चिंतक ,दार्शनिक ,आपे गुरु चेला ( गुरु भी और शिष्य भी ) l
आप संस्कृत,अरबी ,फारसी ,ब्रज पंजाबी आदि अनेक भाषाओं के ज्ञाता थे l उनके दरबारों में 52 कवि एवं 34 अन्य विद्वान भी थे l
संरक्षक इकबाल सिंह गांधी ने बताया कि श्री गुरु गोबिंद सिंघ जी का सारा संघर्ष पीड़ित-शोषित मानवता के लिए था उन्होंने गरीबों और मजलूमों की रक्षा एवं जुल्म का विरोध करने के लिए शस्त्र धारण किए l गुरुजी के यहां धर्म ,जाति ,क्षेत्र ,रंग ,नस्ल आदि को लेकर कोई भी भेदभाव नहीं था l
*मानस की जात सबे एके पहिचानबो *
के उद्घोषक दशमेश पिता संपूर्ण वैश्विक अगुआ है l
गुरुद्वारा साहिब सुख सागर फ्रीगंज के अध्यक्ष चरणजीत सिंह कालरा ने बताया कि श्री गुरु गोबिंद सिंघ जी उच्च कोटि के योद्धा तो थे ही साथ ही महान संगठन करता एवं सेनापति भी थे l उन्होंने अन्याय से पीड़ित जनता को एकत्र कर खालसा पंथ का सृजन किया और ऐसी अदम्य शक्तिशाली सेना तैयार की जिसने अपने समय की सबसे बड़ी सैन्यशक्तियों से लोहा लिया और उन्हें परास्त किया l चमकोर साहब के युद्ध में 40 सिखों के साथ लाखों की संख्या वाली सेना को नाको चने चबवा दिए l
सिख समाज के संभागीय प्रवक्ता एस एस नारंग ने बताया कि गुरु जी के पास भाई धनहइआ जी की शिकायत पहुंची कि यह शत्रु पक्ष के घायल सैनिकों को भी पानी पिलाते हैं तो उन्होंने भाई धनहइआ जी की प्रशंसा की, और दवाइयां अपने पास से दे कर आज्ञा दी कि अब शत्रु घायल सैनिकों की मरहम पट्टी भी किया करो l
नारंग ने बताया कि जब श्री गुरु गोबिंद सिंघ जी को चारों साहिबजादो की शहादत के विषय में बताया गया तो महान गुरु जी ने कहा-
चार मूए तो कीया हुआ, जीवत कई हजार l
(अर्थात मेरे चार पुत्र शहीद हो गए तो क्या हुआ सिखों के रूप में मेरे हजारों पुत्र अभी तक जीवित हैं l )
श्री गुरु गोबिंद सिंघ जी ने पांच प्यारों को अमृत छका कर उनके बीच से जांच-पांत समाप्त कर दी l पंच प्यारे अब गुरु जी के खालसा बन गए बाद में पांच प्यारों के हाथों गुरुजी ने स्वयं अमृत पान किया इस प्रकार गुरुजी और पंच प्यारे एक दूसरे में अभेद हो गए l इस प्रकार गुरु जी पांच प्यारों के गुरु भी थे और उनके चेले भी –
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*वाह वाह गोबिंद सिंघ आपे गुरु चेला *
गुरुद्वारा साहिब श्री गुरु नानक घाट के बाबा त्रिलोचन सिंह जी सरपंच, सिख समाज के संभागीय प्रवक्ता एस एस नारंग ,पुरुषोत्तम सिंह जी चावला, आत्मा सिंह विग, राजा कालरा, कालू वीरजी, बंटी मोंगा, सतपाल अरोड़ा, मस्तान सिंह छाबड़ा, सुरजीत सिंह डंग, जसविंदर सिंह ठकराल, बलविंदर नील, कमल सलूजा,नीटू अरोड़ा, बीबी मनींदर कौर ख़नुजा, बीबी हरजीत कौर, दीप्पी भेनजी समूह संगत को लख-लख बधाइयां एवं समस्त कार्यक्रमों में उपस्थित रहने की विनती की है l