उज्जैन, प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार 13 जनवरी को 614.53 करोड़ रुपये की लागत की सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का भूमि पूजन कार्तिक मेला ग्राउंड पर करेंगे। इय अवसर पर भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय के मंत्री श्री सी.आर.पाटिल भी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्य प्रदेश शासन के जल संसाधन विभग मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट करेंगे। बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में सांसद श्री अनिल फिरोजिया, बाल योगी उमेशनाथ जी महाराज, मध्य प्रदेश शासन के कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री एवं उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री श्री गौतम टेटवाल शामिल होंगे।
रविवार को जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कार्तिक मेला ग्राउण्ड पहुँचकर माननीय मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया तथा कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया। मंत्री श्री सिलावट ने निर्देश दिए कि कार्यक्रम का आयोजन सम्पूर्ण गरिमामय तरीके से किया जाए। यह हम सब के लिए महत्वपूर्ण क्षण है। इसीलिए आम जन भी इसमें अधिक से अधिक संख्या में सहभागिता करें। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी का सपना था कि सभी नदियों को निरन्तर प्रवाहमान किया जाए तथा सिंचाई के रकबे को बढ़ाया जाए। इसी कड़ी में सोमवार 13 जनवरी को मॉ शिप्रा को सदैव प्रवाहमान देखने का सपना मूर्तरुप लेने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का भूमि पूजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के कुशल नेतृत्व में आगामी सिंहस्थ महापर्व 2028 के अंतर्गत शिप्रा नदी के शुद्ध और निर्मल जल से संत जन तथा श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि उक्त परियोजना से शिप्रा नदी को निरंतर प्रवाहमान बनाए रखने के साथ-साथ भविष्य में उज्जैन को पेयजल हेतु जल भी उपलब्ध हो सकेगा। पेयजल के उपयोग हेतु 27 एमसीएम तथा शिप्रा को प्रवाहमान बनाए रखने के लिए 51 एमसीएम जल उपलब्ध कराया जाएगा।
इसी परियोजना के अंतर्गत ग्राम सेवरखेड़ी में बैराज निर्माण किया जाएगा, जिसमें वर्षाकाल के जल का उद्वहन करके ग्राम सिलारखेड़ी के तालाब में जल संग्रहित किया जाएगा। इसके लिए 6.50 किलोमीटर लम्बी पाइप लाइन से जल का उद्वहन सेवरखेड़ी से सिलारखेड़ी तक किया जाएगा। यह परियोजना आगामी मई 2027 तक पूरी की जाना लक्षित है।
इसी प्रकार कान्ह डायवर्जन क्लोज डक्ट परियोजना से कान्ह नदी के दूषित जल को शिप्रा में मिलने से रोका जाएगा। इस हेतु ग्राम जमालपुरा में कान्ह नदी पर एक बैराज का निर्माण किया जाएगा, जिससे नदी के दूषित जल को क्लोज डक्ट के माध्यम से व्यपवर्तित किया जाएगा।
इस परियोजना की कुल लम्बाई 30.15 कि.मी है, जिसमें 18.15 कि.मी. लम्बाई में कट एण्ड कव्हर द्वारा क्लोज डक्ट का निर्माण किया जाएगा और 12 कि.मी. लम्बाई में टनल का निर्माण किया जाएगा, जिससे दूषित जल डायवर्ट होगा। टनल भाग के निर्माण में 04 शाफ्ट भी बनाई जाएगी, जिससे कि टनल में पहुँचना सुगम होगा और टनल की साफ-सफाई के लिए भी पहुँचमार्ग उपलब्ध होगा। इस परियोजना को आगामी 25 वर्ष तक की जनसंख्या बढोत्री को ध्यान में रखते हुए रुपांकित किया गया है तथा इसके सितम्बर 2027 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इसी तारतम्य में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृढ़ संकल्प और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कुशल मार्गदर्शन में पूर्व में पार्वती-कालिसिंध-चंबल परियोजना और केन-बेतवा लिंक परियोजना शुभारंभ किया गया। पार्वती-कालिसिंध-चम्बल परियोजना से 01 लाख 60 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जा सकेगी। इससे उज्जैन संभाग के उज्जैन, देवास, शाजापुर और आगर मालवा के 360 गांव लाभान्वित होंगे।
मंत्री श्री सिलावट ने कार्यक्रम स्थल के निरीक्षण के दौरान मंच व्यवस्था, बैठक व्यवस्था, भूमि पूजन स्थल का अवलोकन किया। उन्होंने मंच पर संतजनों के लिए प्राथमिकता से सर्म्पूण गरिमा के साथ बैठक व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना के मॉडल का अवलोकन भी किया। मंत्री श्री सिलावट द्वारा कार्यक्रम स्थल पर बैठक भी की गई। कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह द्वारा मंत्री श्री सिलावट को माननीय मुख्यमंत्री जी के उज्जैन आगमन के पश्चात विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस दौरान विधायक श्री अनिल जैन कालुहेड़ा, श्री विवेक जोशी, पुलिस अधीक्षक श्री प्रदीप शर्मा, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जयति सिंह, जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता श्री टी. के. परमार, अधीक्षण यंत्री श्री प्रवीणकुमार खरत, कार्यपालन यंत्री श्री मयंक सिंह एवं अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।