उज्जैन, मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कालिदास अकादमी में आयोजित यूनाइटेड कांशियस कॉनक्लेव 2025 का शुभारंभ शुक्रवार दोपहर को वर्चुअली किया। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने शुभारंभ अवसर पर भगवान श्री महाकाल की आध्यात्मिक नगरी में विश्व के 22 देशों से यूनाइटेड कांशियस कॉनक्लेव(यूसीसी) में सनातन संस्कृति दर्शन पर चिंतन के लिए पधारे प्रतिनिधियों का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी आज देश के साथ विश्व के सर्वमान्य नेता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी आज यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका में विश्व को युद्ध से बचाने वाले सनातन के मानवीय मूल्यों और भगवान बुद्ध के विचारों को विश्व पटल पर स्थापित कर रहे है। युद्ध,आतंकवाद और अन्य खतरों के बीच बिखरते विश्व में सनातन संस्कृति के मूल्यों से एकता और विश्वबन्धुत्व को बढ़ावा देने का यूसीसी का यह प्रयास सराहनीय है। उन्होंने कहा की सनातन संस्कृति के मूल्यों ने विश्व की कई सभ्यताओं को नवजीवन एवं संरक्षण प्रदान किया है। सनातन संस्कृति ‘वासुदेव कुटुंबकम्’ के ध्येय वाक्य को समाहित कर संपूर्ण वसुंधरा के जीवों को एक परिवार मानती है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने यूसीसी के 22 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा अपने-अपने देश से नदियों का जल लाकर बाबा श्री महाकाल के जलाभिषेक करने पर कहा कि यह प्रयास विश्व की एकता और भाईबंधुत्व का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि नदियों की जलधारा प्रकृति और हमें जीवन देती है। सनातन संस्कृति के मूल्य हमें नदियों के प्रति कृतज्ञ बनाते है और उनका संरक्षण करने एवं स्वच्छ रखने का संदेश देते है।
यूसीसी का एकात्म चेतना का भाव अद्भुत है और आज के युद्ध के दौर में यह विश्व शांति की ओर अग्रसर करती है। एकात्म चेतना हम सभी को एक सूत्र में पिरोती है। भारत एवं भारतीय संस्कृति ने संपूर्ण विश्व को उसके कठिन समय में मार्गदर्शन प्रदान किया है। आज भी सनातन के इस महासंगम से यही कामना है कि इस संगम में जन्म लिए विचार विश्व को युद्ध से शांति और सदभाव के मार्ग पर ले जाएंगे। यूसीसी के इस सनातन मूल्य आधारित चिंतन शिविर से सनातन जीवन मूल्य एवं विश्व में सह अस्तित्व को बढ़ावा मिलेगा।
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा,तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने भगवान श्री महाकाल की धरती पर वासुदेव कुटुंबकम् का संदेश देने वाली यूसीसी की इस कॉनक्लेव में आए 22 देशों के प्रतिनिधियों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि उज्जैन विश्व की शिक्षास्थली है क्योंकि यहां भगवान श्री कृष्ण और सुदामा जी ने शिक्षा प्राप्त की है। यूसीसी के इस चिंतन शिविर से निकले विचारों से विश्व शांति का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृत का वैभव और गौरव 5000 वर्ष से भी पुराना है। यह विश्व की एकमात्र प्राचीन सभ्यता है जो आज भी नए विचारों को आत्मसात कर पुराना वैभव लिए अपना परचम विश्व मे लहरा रही है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों और सनातन संस्कृति के मूल्यों को आत्मसात कर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार पंक्ति के आखिरी व्यक्ति तक के कल्याण के कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सनातन मूल्य हमें सभी विचारों और संस्कृतियों का सम्मान करना सिखाती है।भारतीय ज्ञान परंपरा अनुसार ज्ञान सिर्फ अक्षरी या लिखा ना होते हुए समझ विकसित करता है। हमारा दर्शन कृतज्ञता का भाव विकसित करता है। भारतीय ज्ञान परंपरा हमेशा से समृद्ध रही है,हमने कभी ज्ञान का पेटेंट नहीं किया अपितु उस ज्ञान का प्रचार प्रसार कर मनुष्य जाती के कल्याण के लिए उसका उपयोग किया है।भारत की धरा पर अभी प्रयागराज में महाकुंभ हो रहा है,जहां बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक पवित्र गंगा मां में स्नान कर पुण्य का लाभ एवं आनंद की प्राप्ति कर रहे है।
कार्यक्रम में संस्कृत और पर्यटन मंत्री श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि सत्य एक है और विद्वान लोग उसकी अलग अलग व्याख्या करते है। सनातन संस्कृति “सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्” के मूल्यों अनुसार चरित्र निर्माण करती है। हमारी विचारधारा सभी को सुखी, निरोगी और सभी के मंगल की कामना कर विश्व का मार्गदर्शन करती आयी है। यूसीसी द्वारा 22 देशों के प्रतिनिधियों को उज्जैन की धरती पर इकठ्ठा करना एक अद्भुत संयोग है। इस कॉनक्लेव के चिंतन के परिणाम से विश्व का कल्याण होगा एवं भारत पुनः विश्वगुरु का दर्जा प्राप्त करेगा।
कार्यक्रम की शुरुआत भगवान श्री गणेश का पूजन कर किया गया। कार्यक्रम में ‘अनलॉकिंग द ह्यूमन पोटेंशियल’ किताब का विमोचन किया गया।कार्यक्रम में सांसद श्री अनिल फिरोजिया,विधायक श्री अनिल जैन कालूहेडा,इटली से स्वामी श्री सूर्यानंद सरस्वती,आचार्य श्री विवेक गुप्ता,श्री राजेश रबीन्द्रनाथ,श्री विक्रांत सिंह तोमर आदि उपस्थित रहें।