उज्जैन , मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने श्री महाकाल महालोक परिसर में रूद्रसागर पर नवनिर्मित सेतु का नामकरण इतिहास में सनातन संस्कृति और उज्जयिनी का परचम विश्व में लहराने वाले महान सम्राट अशोक के नाम पर “सम्राट अशोक सेतु” किया। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि भगवान श्री महाकाल के संरक्षण में होने से अवंतिका नगरी का कभी अंत नहीं हुआ। यहां तपस्या से सीधे मोक्ष प्राप्त होता है। अवंतिका नगरी ने अनादिकाल से भारतवर्ष और सनातन संस्कृति के ध्वजवाहको राजा विक्रमादित्य,राजा भरथरी, राजा अशोक आदि महान सम्राटों को संरक्षण दिया है। उहोंने कहा कि लोकार्पण अवसर पर आतिशबाजी ने श्रद्धालुओं सहित सभी का मन मोह लिया। आतिशबाजी में भगवान श्री महाकाल का स्वर्ण शिखर महाकवि कालिदास के काव्यों अनुसार चमक रहा है। नवीन औद्योगिकरण के पश्चात संपूर्ण उज्जैन और प्रदेश भी भविष्य में इसी प्रकार प्रकाशमान होगा।
स्मार्ट सिटी सीईओ श्री संदीप शिवा ने जानकारी दी कि रुद्र सागर के ऊपर निर्मित सेतु 22.5 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित हुआ है। इसकी लंबाई 200 मीटर व चौड़ाई 9 मीटर है।मुख्यमंत्री डॉ यादव की मंशानुरूप श्रद्धालुओं को कम से कम चलकर ,भगवान श्री महाकाल के शीघ्र दर्शन हो सके इसके लिए इसका निर्माण किया गया है। सम्राट अशोक सेतु श्रद्धालुओं को मुख्य पार्किंग से सीधा श्री महाकाल लोक तक जाने की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे यात्री अधिक सुगमता से दर्शन कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि सेतु से श्रद्धालु लाइट एंड साउंड शो भी देख सकेंगे।
कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रों से पूजन कर की गई।कार्यक्रम में भस्म रमैया भक्त मंडल के डमरूवादकों ने प्रस्तुति देकर भक्तों का मन मोह लिया। लोकार्पण पश्चात मुख्यमंत्री डॉ यादव ने भगवान श्री महाकाल के दर्शन किए। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्री बालयोगी उमेशनाथ जी महाराज, सांसद श्री अनिल फिरोजिया, प्रभारी मंत्री श्री गौतम टेटवाल,विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा,महापौर श्री मुकेश टटवाल,नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव,महाराज श्री विनीत गिरी उपस्थित रहे।