उज्जैन, श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिवनवरात्रि का उत्सव मनाया जा रहा है। इस दौरान भगवान श्री महाकालेश्वर 25 फरवरी 2025 तक अलग-अलग नौ रूपों में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे।
प्रतिदिन अनुसार श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण स्थित कोटितीर्थ के तट पर प्रात: 08 बजे से श्री गणेश पूजन व श्री कोटेश्वर महादेव भगवान का पूजन-अभिषेक-आरती के साथ शिव नवरात्रि महोत्सव के पंचम दिवस का प्रारम्भ हुआ।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी श्री घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राम्हणों द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान जी का अभिषेक एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ से किया गया । अपराह्न में 3 बजे सांध्य पंचामृत पूजन के पश्चात श्री महाकालेश्वर भगवान ने छबिना रूप धारण किया।
शिव नवरात्रि के पाचवे दिन संध्या पूजन के पश्चात भगवान श्री महाकालेश्वर ने श्री छ्बीना स्वरुप धारण कर भक्तों को दर्शन दिये । भगवान श्री महाकालेश्वर को पीले रंग के नवीन वस्त्र के साथ मेखला, दुप्पटा, मुकुट, मुंड-माला, छत्र आदि से सुसज्जित कर श्रृंगार किया गया। साथ ही भगवान श्री महाकालेश्वर को नागकुंडल एवं फलों की माला में दर्शन दिए | *शुक्रवार 22 फरवरी 2025 को श्री महाकालेश्वर भगवान श्री होल्कर स्वरूप में श्रद्धालुओं को दर्शन देगें।*
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा इस वर्ष नौ दिवसीय नारदीय कीर्तन हेतु पुणे से राष्ट्रीय कीर्तनकार आयुर्वेदाचार्य डॉ.अजय अपामार्जने का कीर्तन प्रतिदिन सायं 05 से 06 बजे तक मन्दिर परिसर मे नवग्रह मन्दिर के पास संगमरमर के चबूतरे पर हो रहा है | हरिकीर्तन के पाचवे दिन डॉ. अपामर्जने ने संत शिरोमणि सूरदास महाराज के भजन अवसर बार बार नहीं आवे …… सुनाया एवं भजन के भावार्थ का वर्णन किया | जिसमे उन्होंने बताया कि मनुष्य मात्र को अनमोल जीवन व्यर्थ नहीं गवाना चाहिए यह जीवन बड़े पुण्य खर्च करने के बाद ही मिला है इसे भलाई, समाज सेवा, धर्म कार्य, देश कार्य आदि करने में व्यतीत करना चाहिए साथ ही भगवान कि भक्ति से ही जीवन सफल होगा, कथा के दौरान तबला पर संगत श्री श्रीधर व्यास ने की।