विक्रमोत्सव 2025, आर्ष भारत प्रदर्शनी का शुभारंभ

उज्जैन, महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा विक्रमादित्य, उनके युग, भारत उत्कर्ष, नवजागरण और भारत विद्या पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2025 अंतर्गत शोधपीठ कार्यालाय परिसर, बिड़ला भवन में भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा पर केन्द्रित आर्ष भारत प्रदर्शनी का शुभारंभ पद्मश्री डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित एवं वरिष्ठ पुरातत्वविद डॉ. आर.सी. ठाकुर ने किया। इस मौके पर महाराजा विक्रमादित्य‍ शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु श्री अर्पण भारद्वाज, पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के कुलगुरु श्री विजय कुमार सीजी, वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी श्री गणेश बागदरे, डॉ. रमण सोलंकी, वरिष्ठ कवि श्री दिनेश दिग्गेज सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा पर केन्द्रित आर्ष भारत प्रदर्शनी में 100 से अधिक ऋषियों, मनीषियों, महापुरूषों के चित्रों को देशभर के चित्रकारों ने तैयार किया है। यह प्रदर्शनी भारतीय ऋषियों द्वारा दिये गये वैज्ञानिक योगदान को बताती है और यह स्पष्ट करती है कि भारतीय वैज्ञानिक परंपरा कितनी समृद्ध थी।
30 मार्च 2025 तक चलने वाली यह प्रदर्शनी उज्जैन के लोगों के लिए रोजना सुबह 11:00 से सायं 8:00 बजे तक अवलोकनार्थ खुली रहेगी।

*लोक कला मांडना पर कार्यशाला*
महाराजा विक्रमादित्यर शोधपीठ परिसर में 27 फरवरी से 8 मार्च 2025 तक मांडना कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यशाला में स्थानीय स्कू‍ल व महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएँ तथा स्थानीय कलाकार व कलाप्रेमी अपनी भागीदारी दर्ज करेंगे। इस कार्यशाला को उज्जैन की वरिष्ठ लोक कलाकार कृष्णा वर्मा संयोजित कर रही है।