विक्रमोत्सव 2025: उज्जयिनी नृत्य नाट्य समारोह, पौराणिकता को प्रस्तुत करती उज्जयिनी गाथा

उज्जैन,महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा विक्रमादित्य, उनके युग, भारत उत्कर्ष, नवजागरण और भारत विद्या पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2025 अंतर्गत उज्जयिनी नृत्य नाट्य समारोह में उज्जयिनी गाथा का मंचन हुआ। इसके पूर्व विक्रम विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद सदस्य राजेश सिंह कुशवाह, पुराविद डॉ. आर.सी. ठाकुर, डॉ. रमण सोलंकी ने पुष्पगुच्छ देकर कलाकारों का स्वागत किया।
इस प्रस्तुति में शास्त्रीय, कथक, भरतनाट्यम तथा प्रसंगों के अनुसार मालवी लोकनृत्य शैली को शामिल किया गया। इसमें उज्जयिनी के आदि इतिहास से लेकर आधुनिक उज्जैन तक का वर्णन है। पल्लवी किशन द्वारा निर्देशित इस प्रस्तुति में उज्जयिनी की पौराणिकता, भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर वध एवं महाकाल की स्थापना, मातासती का भस्म होना, हरसिद्धि की स्थापना, समुद्र मंथन की कथा, सिंहस्थ महापर्व का वर्णन, गुरू सांदीपनि महिमा तथा श्रीकृष्ण की शिक्षा, उज्जैन और सम्राट विक्रमादित्य जैसे विषयों को नृत्य, नाट्य, संगीत के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। मंच का संचालन वैशाली शुक्ला ने किया।