एससी एसटी कल्याण के लिए अखिल भारतीय विश्वविद्यालय संगठन परिसंघ ने उज्जैन सांसद श्री अनिल फिरोजिया का आभार माना

उज्जैन, काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पीएचडी दाखिले को लेकर पिछले 20 दिनों से धरने पर बैठे दलित छात्र शिवम् सोनकर की मांगों को उज्जैन सांसद श्री अनिल फिरोजिया की पहल के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन को मानना पड़ा। इस मामले में श्री फिरोजिया सांसद उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र और अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए स्थायी संसदीय समिति लोक सभा के सदस्य ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। इसके लिए एससी एसटी कल्याण के लिए अखिल भारतीय विश्वविद्यालय संगठानों के परिसंघ का प्रतिनिधि मंडल ने श्री फिरोजिया से उनके दिल्ली आवास पर भेंट की थी।

उन्होने इस मामले को गंभीरतापूर्वक लिया और महासंघ के प्रतिनिधि मंडल के समक्ष ही तत्काल धरने पर बैठे शिवम् सोनकर से बात की एवम् आपकी पीड़ा को सुना और समझा। फिर आपने बनारस विश्वविद्यालय के कुलपति से फोन पर वार्ता की और विद्यार्थीयों और शिवम् के हक में फैसला लेने के लिए कहा। साथ ही संसदीय समिति के शीर्ष पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी कि वे छात्र शिवम् सोनकर की हर संभव मदद करें। इसका परिणाम है कि शिवम् सोनकर को न्याय मिल सका। और विश्वविद्यालय ने तत्काल आदेश का पालन करते हुए बची हुई सीटों पर प्रवेश प्रक्रिय शुरू की और पहले ही दिन शिवम् सोनकर का एडमिशन हुआ।

एडमिशन होने के पश्चात श्री शिवम् सोनकर ने उज्जैन सांसद श्री अनिल फिरोजिया को फोन कर आभार जताया और कहाॅ कि मैं उम्रभर आपका आभारी रहूगा।
*एससी एसटी कल्याण के लिए अखिल भारतीय विश्वविद्यालय संगठन परिसंघ ने भी उज्जैन सांसद श्री फिरोजिया का आभार जताया* – छात्र शिवम् सोनकर को तत्परता से न्याय दिलाने के लिए एससी एसटी कल्याण के लिए अखिल भारतीय विश्वविद्यालय संगठन परिसंघ ने पत्र लिखकर उज्जैन सांसद का आभार जताया है। और परिसंघ के पदाधिकारी ने कहा कि वह जल्दी ही आपके सम्मान में सार्वजनिक कार्यक्रम कर माननीय का सम्मान करना चाहते है।

परिसंघ के महासचिव ने बताया कि अत्यंत संवेदनशील इस मामले का समाधन उज्जैन सांसद ने बडी ही तत्परता और प्रभावी रूप से करवाया। उनकी तत्परता के कारण ही यूजीसी को पीएच-डी प्रवेश के नियम बदलने पडें और इसस एससी एसटी और ओबीसी के सैंकडों शोधार्थियों को फायदा होगा।